जय धरती माँ, जय गौ माताVerified Lyrics 

Jai Dharti Maa Jai Gau Mata

जय धरती माँ, जय गौ माता,
गूंज रहा है मंत्र महान्।
सुखद सुमंगल विश्व कामना,
जीव मात्र का हो कल्याण।
जय धरती माँ, जय गौ माता।

गौ की सेवा स्वयं प्रभु भी,
करके कहलाये गोपाल।
हल को धारे चले तपस्वी,
युग – युग से धरती के लाल।
माँ सृष्टि से पावन नाता,
आनन्दित करते रसपान।
सुखद सुमंगल विश्वकामना,
जीव मात्र का हो कल्याण।
जय धरती माँ, जय गौ माता॥

गोमय धरती ही देती है,
अमृत युक्त फसलें भरपूर।
पंचगव्य की महिमा अनुपम,
रोग प्रदूषण होते दूर।
परम सात्त्विक ऊर्जा शक्ति,
अविरत देता गो विज्ञान।
सुखद सुमंगल विश्वकामना,
जीव मात्र का हो कल्याण।
जय धरती माँ, जय गौ माता॥

गौ आधारित विकास रचना,
गाँव – गाँव में विकसायें।
लघु उद्योग कृषि जैविक से,
हर्षित जीवन सरसायें।
भारत फिर से प्राप्त करेगा,
गौरवमय उन्नत स्थान।
सुखद सुमंगल विश्वकामना,
जीव मात्र का हो कल्याण।
जय धरती माँ, जय गौ माता॥

गौ संरक्षण गौ संवर्द्धन,
है अनूप कर्त्तव्य पुनीत।
अभय धाम हो अभय ग्राम हो,
सभी के मन में गौ की प्रीत॥
कोटि – कोटि जीवन व्रत धारे,
पूर्ण सफल हो शुभ अभियान।
सुखद सुमंगल विश्वकामना,
जीव मात्र का हो कल्याण।
जय धरती माँ, जय गौ माता॥

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