ओ मेरे कान्हा – Jubin Nautiyal, Jaya KishoriVerified Lyrics 

O Mere Kanha

राधे तू बड़ भागिनी, कोन तपसिया किन।
तीन लोग तारन तरन, सो तेरे हाथ हीन॥

एक ना त्यागे दुनियादारी वो मीरा कहलाई।
दूजी राधा रानी बनके, श्याम सलोना पाई॥

मुझको भी तू अपनाले, मन वृंदावन बन जाए।
मुझमे तू ही बस जाए, और मन तुझमे रम जाए॥

(ओ मेरे कान्हा)
(जय जय राधा रमन हरी बोल)

धड़कन धड़कन राधिका, नस नस उड़ती प्रीत।
बरसाने में गूँजता, मुरली का संगीत॥

ओ मेरे कान्हा सब जन जापी, तेरो नाम ही सुबहो शाम।
जो मन वैरागी ठेहरे, कान्हा उनमे खुद छुप जाएगा॥

(ओ मेरे कान्हा)

गोरे मुख पे तिल बने, ताही करो प्रणाम।
मानो चाँद बिछाई के, पौढ़े शालिग्राम॥

है दिखता जुगनू जगमग।
सूरज चाँद खुद से चमके ऐसे।
खुद से चमके ऐसे॥

हाँ…
के मिलता कण कण में कान्हा।
का दर्शन हर गोपी को जैसे।
हर गोपी को जैसे॥

ओ मेरे कान्हा तेरा सेवक करता, तुझसे ही दरकार
ये धरती तुझे घूमे, नम चूमे है कदम तेरे सरकार

(ओ मेरे कान्हा
जय जय राधा रमन हरी बोल
जय जय राधा रमन
हरी बोल हरी बोल)x४

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