ना मैं मीरा ना मैं राधा

Na Main Meera Na Main Radha

ना मैं मीरा ना मैं राधा, फिर भी श्याम को पाना है।
पास हमारे कुछ भी नहीं, केवल भाव चड़ाना है॥

जब से तेरी सूरत देखि, तुम में प्रेम की मूरत देखि।
अपना तुम्हे बनाना है, अपना तुम्हे बनाना है॥

और किसी को क्या मैं जानू, अपनी लगन को सब कुछ मानू।
दिल का दर्द सुनाना है, दिल का दर्द सुनाना है॥

जन्म-जन्म से भटकी मोहन, युग-युग से मैं भटकी प्रीतम।
अब ना तुम्हे भुलाना है, अब ना तुम्हे भुलाना है॥

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