जरी की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वालाVerified Lyrics 

Jari Ki Pagadi Bandhe Sunder Aankhon Wala

जरी की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा।
ज़री की पगड़ी बाँधे…

कानों में कुण्डल साजे, सिर मोर मुकुट विराजे,
सखियाँ पगली होती, जब – जब होठों पे बंशी बाजे।
हैं चंदा यह सांवरा, तारे हैं ग्वाल बाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा॥

लट घुँघरे बाल, तेरे कारे कारे बाल,
सुन्दर श्याम सलोना तेरी टेडी मेडी चाल।
हवा में सर-सर करता तेरा पीताम्बर मतवाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा॥

मुख पे माखन मलता, तू बल घुटने के चलता,
देख यशोदा भाग्य को देवों का मन जलता।
माथे पे तिलक सोहे आँखों में काज़ल डारा,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा॥

तू जब बंशी बजाए तब मोर भी नाच दिखाए,
यमुना में लहरें उठती और कोयल भी कू-कू गाए।
हाथ में कँगन पहने और गल वैजयंती माला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा॥

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