बांके बिहारी की बांसुरी बाँकी, पेसुदो करेजा में घाउ करेरी
Banke Bihari Ki Bansuri Banke, Pesudo Kareja Mein Ghau Kareri
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Singer(गायक): रवींद्र जैन जी
बांके बिहारी की बांसुरी बाँकी, पेसुदो करेजा में घाउ करेरी
मोहन तान ते होए लगाओ तो औरन ते अलगाउ करेरी
गैर गली घर घाट पे घेरे कहा लगी कोउ बचाउ करेरी
जादू पड़ी रस भीनी छड़ी मन बेतत् काल प्रभाउ करेरी
जादू पड़ी रस भीनी छड़ी, मन बेतत् काल प्रभाउ करेरी
मोहन नाम सो मोहन जानत, दासी बनाइके देत उदासी
छोड़ चली धन धाम सखी सब बाबुल मैया की पानी पनासी
एक दिना की जो होइ तो झेले सखा बस बांस बांसुरी बारहमासी
सोने की होती तो का गति होती भई गल फँसी जे बांस की बांसी
◾️ कानन कानन बाजी रही अरु कानन कानन देत सुनाई
कान न मानत पीर ना जानत का कारे कान करे अब माई
हरिया धमृत पान करे अभिमान करे देखो बॉसकी जाइ
प्राण सब पे धरे अधरान हरी जाब्ते अधरान धरै
घोर भयो नवनीत केले अरु प्रीत केले बदनाम भयोरी
राधिकरणी के दूधिया रंग ते रंग मिलयो तो श्याम भयोरी
काम कलानिधि कृष्ण की कांति के कारन काम अकाम भयोरी
प्रथमंकर बनवारी कोले राजयखण्ड सखी ब्रजधाम भयोरी
प्रथमंकर बनवारी कोले राजयखण्ड सखी ब्रजधाम भयोरी