सूना-सूना लागे, बृज का धाम। Suna Suna Lage Brij Ka Dhamverified
Suna Suna Lage Brij Ka Dham
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Singer(गायक): Mohammad Rafi
सूना-सूना लागे, बृज का धाम।
गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम।
यमुना रोए, मधुबन रोए, यमुना रोए, रोए कदम की शय्या,
भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईआं।
राह रोक कर, रोए मनसुखा, बिछड़ रहे मोरे श्याम रे।
सूना-सूना लागे, बृज का धाम।
गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम।
बोल सके ना, घर के पंछी, असुअन से भरे नैना-2
आजा कान्हा, ना जा कान्हा, कूके रे पिंजरे की मैना।
नदिया रोये, गिरिवर रोये, ले कान्हा का नाम रे।
सूना-सूना लागे, बृज का धाम।
गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम।
प्रेम दीवानी, राधा रानी, भर नैनन में पानी।
हो ओ…
प्रेम दीवानी, राधा रानी, भर नैनन में पानी।
सुबक-सुबक कहे, हाय रे कान्हा, तुने बिरहा की पीर ना जानी।
कैसे कटेगी, तुम बिन साथी, जीव की अब शाम रे।
सूना-सूना लागे, बृज का धाम।
गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम।
सुना सुना लागे “Suna Suna Lage” एक प्रसिद्ध मोहम्मद रफ़ी साहब द्वारा गया गया भजन है जो आमतौर पर भक्तिमय या आध्यात्मिक सभाओं में सुना जाता है। इस भजन के शब्द और संगीत दोनों ही भक्ति का भाव प्रकट करते हैं।
भजन की शुरुआत में सुना सुना लागे “Suna Suna Lage” (एकाकी या शून्यता) माहौल को भक्त को महसूस करवाता है। मोहम्मद रफ़ी जी की मधुर आवाज़ से युक्त इस भजन में भक्ति भाव और प्रेम से भरे शब्दों का बहुत मार्मिक और हृदय को छू लेने वाले शब्दों का समावेश किया गया है।
इस भजन में अक्सर भक्तों के मन को छू लेने वाले शब्दों का उपयोग किया गया है, जो उन्हें अपने ईश्वर के प्रति अनन्य प्रेम और समर्पण की भावना में डुबो देता है। यह भजन एक अनुभवी संगीतकार और गायक की अद्भुत कल्पना का प्रतिबिम्ब है, जो श्रद्धा भक्ति को व्यक्त करने में मदद करता है। जय श्री कृष्णा
Suna Suna Lage Brij Ka Dham best bhajan sung by Mohammad Rafi Sahab