कुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे,Verified Lyrics
Kun Jane Ya Maya Shyam Ki Ajab Niral Re...
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Singer(गायक): अज्ञात
कुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे,
तिरलोकी रो नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।
बण गयो हाळी बण गयो हाळी बण गयो हाळी रे
सौ बीघा को खेत जाट के, श्याम भरोसे खेती रे, ओह……
आधा में बोये गेहूँ चणा, आधा में दाणा मैथी रे, ओह…….
बिना बाड़ को खेत जाट के, श्याम रूखाळी रे,
ओ तिरलोकी रो नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।
भूरी भैंस चमकनो पाड़ो, दो छाली दो नारा रे,
बिना बाढ़ को खेत जात के, बांधे न्यारा न्यारा रे,
चोर आवे जब चक्कर लगावे, काढ़े गाली रे,
तिरलोकी रो नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।
जाट जाटणी निर्भय सोवे, सोवे छोरा छोरी रे,
श्याम धणी पहरे के ऊपर, कईयाँ होवे चोरी रे,
चोर लगावे नित की चक्कर, जावे खाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।
बाजरे की रोटी खावे, ऊपर घी को लचको रे,
पालक की तरकारी सागे, भरे मूली के बटको रे,
छाछ राबड़ी रो करे कलेवो, भर भर थाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।
सोहनलाल लोहाकर बोले, यो घर भक्ता के जावे रे,
धावलिये री ओल बैठ रे, श्याम खीचड़ो खावे रे,
भक्ता रे संग नाचे गावे, दे दे ताली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।।