हाथ जोड़ कर मांगता हूँverified 

Hath Jod Kar Mangta Hu Aisa Ho Janm

हाथ जोड़ कर मांगता हूं, ऐसा हो जनम,
तेरे नाम से शुरू, तेरे नाम पे खत्म।।

तेरे चलते बनी मेरी पहचान सावरे,
वरना गली गली में घूमते. हो हो.. आे,
वरना गली गली में घूमते, हम बनके बावरे
अब उठेगा तेरी राहो में जो, मेरा हर कदम,
तेरे नाम से शुरू…
हाथ जोड़ कर मांगता हूं…

जाने अनजाने में ऐसा एक काम हो गया,
मेरी जिंदगी का मालिक मेरा बजरंग हो गया,
वरना इतने भी भले न थे अपने करम,
तेरे नाम से शुरू…
हाथ जोड़ कर मांगता हूं…

कैसे भूलू करी जो तूने मेहरबानियां,
इक अनजाने के वास्ते, क्या क्या नही किया,
श्याम गायेगा गुण जब तक तेरे दम में हे दम,
तेरे नाम से शुरू…
हाथ जोड़ कर मांगता हूं…

हाथ जोड़कर मैं अपनी मांग माँगता हूं, मेरा हर जन्म ऐसा होना चाहिए की मेरा सब कुछ तेरे नाम से शुरू हो और तेरे नाम पर ही समाप्त हो। तू ही मेरी पहचान बन गया है, तेरे आदेशों के मुताबिक चलने लगा हूं। नहीं तो मैं यहां-वहां भटक रहता, अपने आप को खोया हुआ महसूस करता। लेकिन अब मैं अपने हर काम में तेरे नाम को उठाऊंगा। यह रास्ता जो मैं चल रहा हूं, वह तेरे नाम से ही शुरू होता है, और उसी पर खत्म होता है।

अनजाने में मेरे साथ ऐसा एक काम हो गया है, मेरी जिंदगी का स्वामी मेरा बजरंग बन गया है। नहीं तो मेरे ऐसे भले कर्म कंहा थे , पर उसकी महरबानी के कारण से मेरा भाग्य बदल गया है। तूने मुझ पर इतनी मेहरबानियाँ की हैं, मुझ अनजाने पर तूने बहुत कर्म किये है मैं तेरे गुणों की प्रशंसा करता रहूँगा हे श्याम, जब तक मेरे दम में है दम।

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