तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी

Tum Jo Kripa Karo To Mit Jaaye Vipda Saari

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी
तुम हो दया के सागर क्या बात है तुम्हारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

विघ्नौ को हरने वाले सुख शांति देने वाले,
मोह पाश काटते हो तुम भक्ति देने वाले,
तुमने रचाई सॄष्टि तुम ने ही है सवारा,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

तुम पहले पूजे जाते फ़िर काम बनते जाते,
आये शरण तिहारि मन चाहा फल है पाते,
मुझको गले लगाले आया शरण तिहारि,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

लम्बे उदर मे तुमने संसार है छिपाया,
सतगुण से है भरी हुई गणराज तेरी काया,
दुर्गुण पे सतगुणो सी ये मुस की सवारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी

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