March 30, 2022
हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लालाVerified
Hari Vighan Sab Dur Gouri Ke Lala
♡
Singer(गायक): प्रकाश माली
हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला,
अब हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला।
माथे पर तेरे तिलक बिराजे, सिर पर मुकुट सलोना साजे,
शोभा काम निरख कर लाजे, गल मोतियन माला।
देख चतुर्भुज रूप तिहारा, हमरे मन में हो उजियारा,
भागे दूर विघन अंधियारा, कोटि विघन टाला।
मूषक की असवारी सोहे, भगत जनों के मन को मोहे,
सुर नर मुनिजन सुमिरे तोहे, लाम्बी सूंड वाला।
सुमिरण करते ही आ जाओ, संग में रिद्ध-सिद्ध को ले आओ,
भरी सभा में मान बढ़ाओं, जमें रंग आला।
हनुमान धाम के भगत पुकारे, आय बिराजो गणपत प्यारे,
ज्ञान ध्यान के भरो भण्डारे, कटे द्वन्द जाला।
श्री महावीर मंडल शरण तिहारी, संग भगतों की भीड़ है भारी,
आसा पूरो नाथ हमारी रणत भंवर वाला।
अब हरो विघन सबदूर गजानन्द, गोरी के लाला।