भक्तो के द्वार पधारो प्यारे गौरी के ललन
Bhakto Ke Dvaar Padhaaro Pyaare Gauri Ke Lalan
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Singer(गायक): संतोष तिवारी
भक्तो के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन,
हर बिगड़े काज सवारों,
प्यारे गौरी के ललन,
गौरी के ललन,
महामाई के ललन,
भोलेनाथ के ललन,
भक्तो के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।
भाँति भाँती के फूल मँगाए,
मंडप द्वार सजाए है,
श्रद्धा भक्ति और लगन से,
अंगना चौक पुराए है,
धुप दिप से महक उठे,
भक्तो के घर आँगन,
भक्तों के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।
पूजा थाल सजाई पावन,
घी के दिप जलाए है,
मेवा खीर मिठाई लाडू,
मोदक भोग बनाए है,
मूषक वाहन बैठ,
चले आओ गिरिजानंदन,
भक्तों के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।
ढोल मंजीरे झांझ बजा,
गुणगान तुम्हारे गाते है,
गौरी सूत गिरजेश पधारो,
जय जयकार लगाते है,
भक्तो में गणराज आज,
बस लागि यही लगन,
भक्तों के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।
लम्बोदर गणपति द्वार पे,
भक्त जनो के आ जाओ,
बिगड़ी बात बनाओ,
सारे बिगड़े काज बना जाओ,
सदा ‘तिवारी’ कहे भक्ति में,
होकर यूँही मगन,
भक्तों के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।
भक्तो के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन,
हर बिगड़े काज सवारों,
प्यारे गौरी के ललन,
गौरी के ललन,
महामाई के ललन,
भोलेनाथ के ललन,
भक्तो के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन।।