तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ
Tere Dar Ko Main Chhod Kahan Jaun
♡
Singer(गायक): Lakhbir Singh Lakkha
तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे॥
(चाहे छुट जाये ज़माना,या मालो -जर छूटे,
ये महल और अटारी,या मेरा घर छूटे,
पर कहता है ये लख्खा,ऐ मेरी माता,
सब जगत छूटे,पर तेरा न द्वार छूटे)
तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे,
अपना दुखडा मैं किसको सुनाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे॥
इक आस मुझे तुमसे है मैया,
टूटे कहीं ना विश्वास मेरा मैया॥
तेरे सिवा कहाँ झोली फैलाऊँ ,
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे॥
तेरे आगे मैंने दामन पसारा है,
मुझको ए मैया तेरा ही सहारा है॥
कहाँ जाऊँ जहाँ जाके कुछ पाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे॥
लख्खा आया मैया बन के सवाली है,
तेरे दर से गया ना कोई खाली है॥
केसे गीत मै निराश होके गाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे॥
तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे,
अपना दुखडा मैं किसको सुनाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे॥