मैं बालक तू माता शेरवालियेVerified Lyrics 

Main Balak Tu Mata Sherawaliye

तोह क्या जो ये पीड़ा का पर्वत, रस्ता रोक खड़ा है
तेरी ममता जिसका बल वो, कब दुनिया से डरा है
हिम्मत मैं क्यूँ हारू मैया-२, सर पे हाथ तेरा है।

तेरी लगन मैं मगन मैं नाचूँ, गाऊँ तेरा जगराता,
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये हो..

मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये,
शेरवालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
जोता वालिये माँ, मेहरा वालिये माँ,…

मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये…

बिन बाती बिन दियाँ तू कैसे काटे घोर अंधेरा,
बिन सूरज तू कैसे करदे अंतरमन में सवेरा,
बिन धागों के कैसे जुड़ा है-२ बंधन तेरा मेरा।

तू समझे या मैं समझू,
कोई और समझ नहीं पाता।

मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये,
शेरवालिये माँ, जोता वालिये माँ,
पहाड़ा वालिये माँ, मेहरा वालिये माँ।

मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *