द्वारे चलिए मैया के द्वारे चलिए।
Dvaare Chaliye Maiya Ke Dvaare Chaliye.
♡
Singer(गायक): लखबीर सिंह लक्खा
द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए,
ले आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए।।
◾️रिमझिम रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली,
जय माँ जय माँ कोयल बोले, बैठ आम की डाली,
ऊँचे पर्वत भवन सुनहरा, छाई है हरियाली,
पिंडी रूप विराजे मैया, भक्तो की प्रतिपाली,
ले आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के, द्वारे चलिए।।
◾️भक्तो के चल पड़े है टोले, लाल ध्वजा फहराते,
झांझ मजीरा ढोलक ले, गुणगान मैया के गाते,
पाओं में पड़ गए है छाले, फिर भी चलते जाते,
लाख मुसीबत आए, माँ के भक्त नहीं घबराते,
हो आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के, द्वारे चलिए।।
◾️छोड़ मोह दुनिया का ‘लख्खा’, बन जा माँ का चाकर,
करले अपनी सफल जिंदगी, माँ की शरण में आकर,
सच है कितने पापी तर गए, माँ की महिमा गाकर,
फिर बोल ‘सरल’ तू जय माता की, दोनों हाथ उठाकर,
हो आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के, द्वारे चलिए।।
द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए,
ले आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के, द्वारे चलिए।।