राम हैं स्वनाम धन्य, राम धन्य नाम, राम को प्रणाम, राम नाम को प्रणाम, राम भजन कर मन….. ओ मन रे कर तू राम भजन कर मन।। सब में राम, राम में है सब, तुलसी के प्रभु, नानक के रब्ब राम रमईया घट-घट वासी, सत्य कबीर बचन… राम भजन कर मन।। राम नाम में पावत
राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान, घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान, तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे। नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले।। हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे। काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार
पाई न केहिं गति पतित पावन राम भजि सुनु सठ मना। गनिका अजामिल ब्याध गीध गजादि खल तारे घना॥ आभीर जमन किरात खस स्वपचादि अति अघरूप जे। कहि नाम बारक तेपि पावन होहिं राम नमामि ते॥ रघुबंस भूषन चरित यह नर कहहिं सुनहिं जे गावहीं। कलि मल मनोमल धोइ बिनु श्रम राम धाम सिधावहीं॥ सत
रावण के देश गयो, सिया को संदेशो लायो, कबहुँ ना किन्ही योद्धा, बात अभिमान की, रावण के देश गयों, सिया को संदेशो लायो, रावण के देश गयो।। राक्षको को मार डाला, वाटिका उजार डाली, बेसहत मानी नाही, रावण बलवान की, रावण के देश गयों, सिया को संदेशो लायो, रावण के देश गयो।। क्षण में समुन्द्र
अवध बिहारी हो, कनक बिहारी हो, हम आए शरण तिहारी हो, गिरिवर धारी आये शरण तिहारी| महा पटकी रहा अजामिल उसे मिला सुरधाम, नारायण आ गए लिया जब पुत्र का अपने नाम। संकट हरि हो आया शरण तिहारी हो, अवध बिहारी हो आये शरण तिहारी हो। जब जल में गजराज में युद्ध हुआ घनघोर, हर
जब सर पे है राम का हाथ, चिंता फिर क्या करना। तेरे संग संग है श्री राम, दुनिया से क्या डरना। जब सर पे है राम का हाथ,चिंता फिर क्या करना। दुःख का सागर ये जीवन, जिसमें है पीड़ा हरदम। राम कृपा से हो जाए खुशहाल मगर पल में तन मन। करे कृपाराम दिन रात
Singer Name : singer : L. Nitesh Kumarसृष्टि ने गुण है गाया, अयोध्या जिनका धाम रे …2 जो हनुमत के हृदय में समाए, कण-कण में विराजमान रे… सुख जिनसे बरसे, मोक्ष मिले जिनसे। ऐसे प्रभू मेरे राम, तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम..2 करुणा के दाता हैं जो, करते सदा सबका कल्याण ऋषि, मुनि, योगी, ध्यानी, जपते हैं
दोहा राम गरीब नवाज हो, पथ के राखन हार, पथ राखी प्रहलाद की, गज की सुनी पुकार। म्हारा राम रघुनाथ, म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ।। आतुनो तो खेत दीजो, बिच में दीजो नाडी नाडी-२ अरे घरवाली ने छोरो दीजो,
प्रभु राम का मैं हूँ, दीवाना मेरी भक्ति को प्रभु ने जाना, मुझे पल-पल हर पल याद प्रभु की आती है, प्रभु राम को माँ सीता की याद सताती है। कैसे मैं जाऊं लंका प्रभु विनती मैं करता हूँ, कैसी है वहा मेरी मैया मैं फरियाद करता हूँ, मैं सागर को पार करूँगा लंका का