भक्तो की भीड़ है अपार, भोले जी के मंदिर में॥ ◾️भोले जी के मंदिर में, शंकर जी के मंदिर में, गूंजे सदा जयकार, भोले जी के मंदिर में॥ ◾️ढोलक नगाड़े और मिरदंग बाजे, झांझर की होये झनकार, भोले जी के मंदिर में॥ ◾️लेके कांवरिया बम बम बोले, नाच रहे नर नार, भोले जी के मंदिर
मिलता हैं सच्चा सुख केवल, शिवजी तुम्हारे चरणों में, यह विनती हैं पल छीन छीन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।। ◾️चाहे बैरी सब संसार बने चाहे जीवन मुझ पर भार बने चाहे मौत गले का हार बने रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में मिलता हैं सच्चा सुख केवल शिवजी तुम्हारे चरणों में यह विनती हैं
मैं तो दीवाना भोले का दीवाना, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, रहता था अलग सबसे दुनिया से कर किनारा, रहता था अलग सबसे दुनिया से कर किनारा, एक गोल काला पत्थर रखता था संग हरदम, एक गोल काला पत्थर रखता था संग हरदम, सर
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है, श्लोक – याद क्यूँ करता नहीं ऐ बावरे मन में, राम थे भगवान दुःख लाखो सहे वन में, टल नहीं सकता वो होगा जो भी है होना, बस मुस्कुराले चार पल छोड़ दे ये रोना॥ ◾️सुख दुःख इस जीवन के दो पार्ट है, माना दुःख लम्बे और सुख
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम, सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम॥ ◾️ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय खुद को राख लपेटे फिरते, औरो को देते धन धाम, देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम, सुबह-सुबह
कैलाशपति संग लेके सती, मेरी नैया पार लगा जाना, इतनी विनती है ब्रम्ह्जति, गलती को मति तुम चित लाना॥ ◾️तुम ही हो पिता तुम ही माता, मै हूँ आचक तुम हो दाता, सेवक स्वामी का ये नाता, मेरे दाता आज निभा जाना, कैलाशपति संग लेके सती, मेरी नैया पार लगा जाना, इतनी विनती है ब्रम्ह्जति,
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो, जय हो भोले नाथ जय हो शिव शम्भू श्लोक लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से, उसे भोले शंकर ने अपना बनाया, खुले उस पे सब द्वार शिव की दया के, जो श्रद्धा से भोले के मंदिर में आया॥ ◾️हर हर महादेव की जय हो, शंकर शिव
हे भोले शंकर पधारो, हे भोले शम्भू पधारो, बैठे छिप के कहाँ, जटाधारी पधारो, गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ॥ महा सती के पति, मेरी सुनो वंदना। हे भोले शंकर पधारो, बैठे छिप के कहाँ। आओ मुक्ति के दाता, पड़ा संकट यहाँ॥ भगीरथ को गंगा, प्रभु तुमने दी थी। सगर जी के पुत्रों को,
रे मन शिव का सुमिरण कर, शिव से आदि शिव से अंत है, शिव ही अजर अमर, रे मन शिव का सुमिरण कर॥ ◾️सत्य सजीव सनातन सुन्दर, शिव ही सकल सुजान, शिव ही नाद अबाद अगोचर, शिव ही ताले सवर, रे मन शिव का सुमिरण कर, रे मन शिव का सुमिरण कर॥ ◾️शिव ही दृश्य