भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, श्लोक भँवर में नाव पड़ी है, बिच मजधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं॥ ◾️भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, हे कैलाश पति हूँ तुम्हारी शरण॥ ◾️सुना है आपका जिसने कभी पुकार किया, तो उसका आपने संकट से है
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया, प्यासे पिया को लेने चली पनिया, गौरा बनी रे जोगनिया, भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया॥ ◾️चलते चलते मन गौरा का, यहाँ वहाँ था डोला रे, शिव शंकर से मन ही मन में, उसने था ये बोला रे, अपनी बना ले मुझे जोगनिया, गौरा बनी रे जोगनिया,
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा, तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा, खुशियो का उपहार मन माना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा ॥ ◾️मत फिरना बेकार जगत में, माया के जंजालो में, बीत रहे दिन व्यर्थ तुम्हारे, पल पल क्षण क्षण सालो में नर तन क्या हर
खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। श्लोक अरे भस्मी अंग अंग रमाकर, फिर लिया धूणा लगाय। भंग के प्याले भर भर गटके, मस्त मग्न हो जाय॥ खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। फिर तो ऐसा करे कमाल,, भक्तोँ को करदे मालामाल, भोला गंगा को लाने
महाकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे, इनकी आरती में जरा चल के देखो, भस्मी रमाये सवेरे सवेरे॥ ◾️सभी तीर्थो में क्षिप्रा बड़ी है, किनारे किनारे जमाते पड़ी है, और देवता भी आते है नहाने, जरा चल के देखो सवेरे सवेरे, महांकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे॥ ◾️हरसिद्धि माँ की
डम डम डमरू बजाओ, कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। डम डम डमरू बजाओ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। नाच के दिखाओ भोले, नाच के दिखाओ, संग संग नन्दी को नचाओ॥ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। ◾️घोट के भंगिया हम भर लाये प्याली, पी लो भांग आपकी आँखोँ मेँ छा जाये लाली, भांग
मन शिव में ऐसे रमा है। ये भूल गए हम कहा है, सारा जग शिव मय दिखता है, अम्बर शिव धरती उमा है, मन शिव में ऐसे रमा है॥ ◾️जब ध्यान में आते है शिव जी, मुझे अद्भुत शांति मिलती है, में दिखला नही सकता जग को, जो मन में ज्योति जलती है, जब भूल
हे भोले शंकर पधारो, बैठे छुप के कहाँ, हे भोले शम्भू पधारो, बैठे छुप के कहाँ, गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ, महा-सती के पति, मेरी सुनो वंदना, आओ मुक्ति के दाता, पड़ा संकट यहाँ, हे भोले शंकर पधारो बैठे छुप के कहाँ॥ ◾️भगीरथ को गंगा, प्रभु तुमने दी थी, सगर जी के पुत्रों
गले में सर्पो की माला, तन में बाघम्बर छाला, देवो में देव महान, बैठे लगा के बाबा ध्यान, डम डम डमरू बाजे, हाथो में त्रिशूल साजे, पिए भोला भंग तान, करते है जग का कल्याण॥ ◾️प्राणी जो जग से हारे, आते है इनके द्वारे, मिलता है पावन दर्शन, होते है वारे न्यारे, बम बम की