Category: Shiv Bhajan

संकट का नजारा है अब तू ही सहारा है।

संकट का नजारा है, अब तू ही सहारा है, डमरू वाले भोले भाले, मेने दामन पसारा है।। ◾️त्रिभुवन में बड़ा सबसे, महादेव कहाता है, भव डूबती नैया को, तू ही पार लगाता है, मालिक है ज़माने का, किश्ती का किनारा है, डमरू वाले भोले भाले, मेने दामन पसारा है।। ◾️चौखट से तेरी कोई, खाली नही

पार करो मेरा बेडा भव से हे शिव शंकर कैलाशी।

पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, आस लगाए दर पे खड़ी हूँ, तेरे चरणों की दासी, पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी॥ ◾️पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, तीनो लोक में नाम तुम्हारा,

कैसे मैं शिव को मनाऊ हो शिव मानत नाही।

कैसे मैं शिव को मनाऊ हो शिव मानत नाही, कैसे भोले को मैं मनाऊ हो भोले मानत नाही।। ◾️लाडू और पेड़ा वाके मनहु ना भावे, भांग धतूरा कहाँ पाऊ हो, शिव मानत नाही।। ◾️हल्दी और कंकु वाके मनहु ना भावे, मुर्दे की भस्मी कहा पाउ हो, शिव मानत नाही।। ◾️ताल तलैया वाके मनहु ना भावे,

दिल में तू शिव के नाम की जरा ज्योति जला के देख।

दिल मे तू शिव के नाम की, ज़रा ज्योति जला के देख, आएगा आएगा डमरू वाला, दिल से बुला के देख।ॐ। ◾️किस्मत के ताले खोलना, बाबा के हाथ है, एक तेरे कष्ट मिटना, पल भर की बात है, किस्मत के ताले खोलेगा, ज़रा ताली बजा के देख आएगा आएगा डमरू वाला, दिल से बुला के

जय बोलो महाकाल की।

जय बोलो महाकाल की, श्लोक आदिदेव महादेव का, जो करते है गुणगान, जनम मरण का उनको निज ही, हो जाता सब ज्ञान, काल से रक्षा करते, शिवजी काटे सब जंजाल, हरपल भजते रहो रे भक्तो, जय जय जय महाकाल॥॥ ◾️आओ मिलकर गाये महिमा, हम कालो के काल की, जय बोलो महाकाल की जय बोलो, जय

मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।

मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है, जितना तेरे भाग्य में लिखा उतना ही पाता है, मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है, शिव लहरी के दरबार में सबका खाता है॥ ◾️चाहे अमीर हो चाहे गरीब हो, उनको एक समान, सबकी बिगड़ी वो ही बनाये, सबकी बिगड़ी वो ही बनाये, वो सबके भगवान,

शीश जटा में गंग विराजे गले में विषधर काले।

शीश जटा में गंग विराजे श्लोक ॐ नाम एक सार है, जासे मिटत कलेश, ॐ नाम में छिपे हुए है, ब्रम्हा विष्णु महेश॥ ◾️शीश जटा में गंग विराजे, गले में विषधर काले, डमरू वाले ओ डमरू वाले॥ ◾️तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई, अपने अंग भभूत रमाई, जो भी तेरा ध्यान लगाए, उसको सब दे डाले,

भोले तेरी जटा से बहती है गंग धारा।

भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जु दामिनी उजाला, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा॥ ◾️गल में मुंड माला की साजे, शशि भाल में गंग विराजे, डम डम डमरू बाजे, कर में त्रिशूल धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती

दौड़ा जाये रे समय का घोडा शिव शिव रट ले रे बन्दे।

दौड़ा जाये रे समय का घोडा शिव शिव शिव शिव रट ले रे बन्दे, जीवन है ये थोड़ा, दौड़ा जाये रे समय का घोडा॥ ◾️ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, परम पिता ही इससे चलता, परम पिता ही इससे

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ।

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, ◾️श्लोक- एक बिलपत्रम एक पुष्पम, एक लोटा जल की धार, दयालु रीझ के देते है, चंद्रमोली फल चार, व्याघाम्बरं भस्माङ्गरं, जटा जुट लिबास, आसन जमाये बैठे है, कृपा सिंधु कैलाश। कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, नमो बार बार हूँ, आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू,