के फागुण महीना लगत ही, हिया मोरा उमंग में, होरी खेले सांवरा, श्री राधा जी के संग में मोहे होरी में कर गयो तंग, ये रसिया माने ना मेरी, माने ना मेरी, माने ना मेरी, मोहे होरी में कर गयो तंग, ये रसिया माने ना मेरी। ग्वाल बालन संग घेर लई मोहे, एकली जान के,
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल, कटोरो ल्याई दूध को भरो॥ दूदाजी म्हने दई बुलावण, जद मैं आई चाल, धोली गाय को दूध गरम कर, ल्याई मिसरी डाल, क्याने रूठ गया मेड़तिया भगवान, कटोरो ल्याई दूध को भरो॥ किस विध रूठ गया छो बाला, कारण काह महाराज, दूध कटोरो धरयो सामने, पीवण री काई लाज,
नंदलाल तेरी मेरी बाते, एक तू जाने या मैं जानू… आएँगी मिलन की वो राते, एक तू जाने या मैं जानू। तेरे प्रेम की अश्को की बरसाते… एक तू जाने या मैं जानू वो रूप के रंग के नजतो पे एक तू जाने या मैं जानू… जहा तूम हो वहा चांदनी कौन पूछेगा, तेरा दर
अमृत है हरि नाम जगत में, इसे छोड़ विषय विष पीना क्या, हरि नाम नही तो जीना क्या। काल सदा अपने रस डोले, ना जाने कब सिर चढ़ बोले, हरि का नाम जपो निसवासर, इसमें अब बरस महिना क्या। हरि नाम नही तो जीना क्या। तीर्थ है हरि नाम तुम्हारा, फिर क्यों फिरता मारा-मारा, अंत
राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता, राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता। मन तो है चंचल, तन तो है पिंजरा, पिंजरे में है तेरा वास, मन तो है चंचल, तन तो है पिंजरा, पिंजरे में है तेरा वास, राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता। राधा है
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में, (मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में) काकड में रे कान्हा रे काकड में॥ आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में, (आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में) काकड में रे कान्हा रे काकड में कान्हा रे काकड, मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना, मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना। मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं, तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं, शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना। कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना… मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया, अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया, जीवन नीरस
मिश्री से मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिश्री ते मिठो नाम, हमारी… बाबा है वृषभान कुंवर जी, मैया कीर्ति-२ ब्रज में बरसानो धाम, हमारी राधा रानी को, मिश्री ते मिठो नाम, हमारी… तीन लोक चौदह भवनो की, स्वामिनी श्यामा जु-२ चरणन को चाकर श्याम, हमारी राधा रानी
सहारा मिलेगा सहारा मिलेगा, हरि नाम गा लो सहारा मिलेगा, भटकती है नैय्या किनारा मिलेगा, हरि नाम गा लो सहारा मिलेगा। चुभेंगे ना दुख दर्द त्रिशूल बनकर, महकने लगोगे एक फूल बनकर, जब उसकी कृपा का इशारा मिलेगा, राधा नाम गा लो सहारा मिलेगा। अगर तुम रहोगे हरि की नजर में, ना जीवन की नैय्या