भरदे मायरो साँवरिया, नानी बाई लागे-२ सारी दुनिया ने बता दे, मेरो भाई लागे।। बाबुल म्हारो भोलो ठाड़ो, भी तो सुखो आयो, कुटुंब कबीलों साथ ना दीन्हो, संता ने संग ल्यायो, लज्जा राख ले साँवरिया, थारो काई लागे-२ सारी दुनिया ने बता दे, मेरो भाई लागे। भर दे मायरो साँवरिया, नानी बाई लागे-२ सारी दुनिया
श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना, -(2) इन नैनन में श्यामा समायो, और दुसरो आवे ना॥ श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना, बंसी वारे मोहन प्यारे, छोड़ गए क्यों यमुना किनारे। भक्त तुम्हारे बाट निहारे, नैनन झरते असुवन धारे॥ लाग रही मन में दर्शन की, और लगन
सबसे ऊंची प्रेम सगाई दुर्योधन के मेवा त्याग्यो, साग विदुर घर खाई। जूठे फल शबरी के खाये, बहु विधि स्वाद बताई। राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा, तामे जूठ उठाई। प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो, भूल गये ठकुराई। ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन, गोपियन नाच नचाई। प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं, आप बने हरि नाई। सूर
सावरिया मन भाया रे-२ सांवरिया मन भाया रे-२ सोहिनी सूरत, मोहनी मूरत, हृदय बीच समाया रे, सांवरिया मन भाया रे-२ देश में ढूँढा विदेश में ढूंढा, अंत को अंत ना पाया रे-२ सांवरिया मन भाया रे-२ काहू में अहमद, काहू में ईसा, काहू में राम कहाया रे-२ सांवरिया मन भाया रे-२ सोच कहे यकरंग पिया,
मुझे चरनो से लगा ले, मेरे श्याम मुरलीवाले – (2) मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरलीवाले, मुझे चरनो से लगा ले मेरे श्याम मुरलीवाले – (2) भक्तों की तुमने कान्हा विपदा है टाली, मेरी भी बाहें थामो आके बिहारी – (2) बिगड़े बनाए तुमने, बिगड़े बनाए तुमने, हर काम मुरलीवाले, मुझे चरनो से
तेरे रंग में रंगा ज़माना मिले, मैं जहाँ भी रहूँ बरसाना मिलेx2 सारे जग में तेरा ही तो एक नूर है, मेरा कान्हा भी तुझसे ही मशहूर है, बदकिस्मत है वो जो तुझसे दूर है, तेरे नाम का हर मस्ताना मिले, मैं जहाँ भी रहूँ बरसाना मिलेx2 तेरी रहमत के गीत गाने आया हूँ में,
माधव के हाथ में जादू कि छडी है, वाहे में जान मेरी अटकी पड़ी है – (2) साँझ ढले कदम तले तेरे कन्हइया, बंसी बजईया हो मेरा बंसी बजईया – (2) बाँकी है चितवन बाँकी है मुस्कान, बांके की बंसी छोड़े मर्म भेदी बाण फूक मरे जादू डारे दइया रे दइया रे बंसी बजईया हो
राधा कौन से पुण्य किये तूने, जो हरी रोज़ तेरे घर आते है॥ राधा जब सोलह शृंगार करे, प्रभु दर्पण आप दिखाते है, राधा कौन से पुण्य किये तूने॥ राधा जब पनघट पे जावे, प्रभु मटकी आप उठाते है, राधा कौन से पुण्य किये तूने॥ राधा जब भोग तैय्यार करे, हरी आकर भोग लगाते है,
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥(2) जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की। गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥(2) हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥(2) आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल