कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा तो हमारा बाबा है बाबा तो हमारा है …..2 कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा
माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 ◾️ लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 ◾️ माना रात अँधेरी है लेकिन ये भी काट जाएगी
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है। क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है॥ ◾️ नहीं चाहिए ये दुनियां के निराले रंग ढंग मुझको, निराले रंग ढंग मुझको चली जाऊँ मैं वृंदावन चली जाऊँ मैं वृंदावन तेरा श्रृंगार काफी है जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है ◾️
कन्हैया ले चल परली पार, साँवरिया ले चल परली पार। जहां विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार॥ विनती मेरी मान सनेही, तन मन है कुर्बान सनेही, कब से आस लिए बैठी हूँ, जग को बाँध किये बैठी हूँ, मैं तो तेरे संग चलूंगी। ले चल मुझको पार॥ साँवरिया ले चल परली पार… गुण अवगुण सब तेरे
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है, प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ। यह जो दुनिया है, वन है कांटो का, तू फुलवारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ॥ ◾️ दुखन लागी हैं माँ तेरी अँखियाँ, मेरे लिए जागी है तू सारी सारी रतिया। मेरी निदिया
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम॥ ◾️ हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम॥ ◾️ तुम्हें छोड़ सुन नन्द दुलारे कोई न मीत हमारो॥ किस्के दुआरे जाएँ पुकारूँ और न कोई सहारो ॥ अब तो आके बाहाँ पकड़ लो, ओ
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए। बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥ ◾️ राह तकत के हारी अँखियां, फिर भी आस लगाए यह अँखियां। अब आई जीवन की श्याम, बहुत दिन बीत गए॥ ◾️ राधा की अँखियन के तारे, मन हर मोहन नन्द दुलारे, मेरे मन में बस जाओ श्याम,
साडी गली आ वे श्यामा, अँखियां विछाईया वे, सहीयां नहीं जांदीयां तेरीयां जुदाईयां वे ◾️ हर पल हर घडी तेरियां उडीकां ने, तुहिओ दस पाईआं कानू लम्बीयां तरीकां ने। तेरे झूठे लारेयां ते आंखियां भर आईयां ने, सहीआं नहीं जांदीयां… ◾️ याद तेरी दिल विचो कड नहीं सकदी, प्रेम कित्ता दिलो तैनू छड़ वी नहीं
हम पर नज़र कृपा की करना, करुणामयी श्यामा प्यारी करुणा रस बरसाती रहना, करुणामयी श्यामा प्यारी ◾️ करे गुणगान तेरा निस दिन, नाम रस पान करे निसदिन। नाम की बहती गंगा में सभी इसनान करे निस दिन यही विनती करे तुमसे, यही विनती करे तुमसे, करुणा मई श्यामा प्यारी… ◾️ रहे हम दूर गुनाहो से,
ये तो बता दो बरसानेवाली, मैं कैसे तुम्हरी लगन छोड़ दुंगा, तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा, कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दुंगा, ◾️ ना पूछा किये मैने अपराध क्या क्या, क्या ये जमीन असमान हिल ना जाइए॥ जब तक श्री राधे शमा ना करोगी॥ कैसे तुम्हरे चरण छोड दूंगा॥ ◾️ बहुत ठोकरे खा