चाल सखी सत्संग में चाला, सत्संग में माधव आसी, राम गुण रामगुण गावो म्हारी, सजनी नहि तो जुगड़ा में बैज्यासी। ब्रह्मा आसी विष्णु आसी, शंकर आसी बाबों कैलाशी, सुंड सुण्डाल्यो बाबो गणपत आसी, संग में आ गौरजा माँ आसी।। राम लक्ष्मण दशरथजी का लड़का, माधो वन को वनवासी, हनुमान सा पायक आसी, संग में आ
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी है यह तो जाने दुनिया सारी है। राजाओ के राजा, महारानी की रानी, सर पे मुकुट साजे है। जोड़ी बड़ी प्यारी, दरबार है प्यारा, राधा संग साजे है। सोने पल में सेठ, सोने पल में सेठानी है, यह तो जाने दुनिया सारी है… ना अन्न की कमी है
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे॥ हमारे लिए क्यों देर किए हो, (हमारे लिए क्यों देर किए हो) गणिका अजामिल को पल में उबारे, (गणिका अजामिल को पल में उबारे) अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे॥ पतितो को पावन करते कृपानिधि, (पतितो को
कन्हैया तेरी बांसुरियां सारे जग में धूम मचाई, ये लागे प्यारी प्यारी…. बैठ कदम पे कान्हा जब मुरली मधुर बजाए, तेरे मुरली सुन के राधे झट दौड़ी दौड़ी आये, कन्हैया तेरी बांसुरियां मेरे दिल का चैन चुराए, ये लागे प्यारी प्यारी तेरी जादू गारी मुरली का संवारिये का कहना, क्या जाने वैरान मुझपे कर गई
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो। मुझे राश आ.. गया है, तेरे दर… पर सर. झुकाना तूझे मिल गया… पुजारी , मुझे मिल गया… ठिकाना। मुझे कोन.. जानता था तेरी बंदगी.. से पहले तेरे नाम ने.. बना दिया, मेरी जिंदगी फसाना। तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो,
भज हूँ रे मन श्री नंद नंदन, अभय चरण अरविंद रे। दुर्लभ मानव जनम सतसंगे, तर आये भव सिंध रे। शीत आ तप मात बरीशन, एह दिन यामनी जाग रे। विफले से बिनु कृपण दुर्जन, चपल सुख नव लाग रे। श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन, बाद से मन दास रे। पूजन सकी जन आत्म निवेदन, गोविन्द
कन्हैया ले चल परलीपार जहाँ बिराजे मेरी राधा रानी, जहाँ बिराजे मेरी श्यामा प्यारी अलबेली सरकार, कन्हैया ले चल परलीपार कन्हैया ले चल परलीपार। गुण अवगुण सब तेरे अर्पण पाप पुण्य सब तेरे अर्पण, ये जीवन भी तेरे अर्पण मै तेरे चरणों की दासी, तू मेरा प्राणाधाम कन्हैया ले चल परलीपार, जहाँ बिराजे मेरी राधा
ओं मेरे कान्हा तेरा मुस्कुराना, भूल जाने के काबिल नहीं है। चोट खायी है दिलपे ये मैंने, वो दिखने के काबिल नहीं है। मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना, भूल जाने के काबिल नहीं है। जबसे देखा है जलवा तुम्हारा, कोई आँखों में जचता नहीं है, यूं तो देखे बहुत नूर वाले, सारे आलम में तुमसा नहीं
तू ही बन जा मेरा मांझी पार लगा दे मेरी नैया, हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया.. इस जीवन के सागर में, हर क्षण लगता है डर मुझ्को, क्या भला है क्या बुरा है तू ही बता दे मुझ्को, हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया.. क्या तेरा और क्या
छोटी – छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो , मेरो मदन गोपाल। २ आगे आगे गैया , पीछे पीछे ग्वाल। २ बिच में मेरो ,यशोदा को लाल। … छोटी – छोटी गैया ने , छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो , मेरो मदन गोपाल। २ काली काली गैया ,गोर गोर ग्वाल। २ श्याम हरण मेरो