जलवा कम न होगा मेरे खाटू के दरबार का, मैं हो गया दीवाना मेरे श्यामजी के प्यार का, मैं घना दीवाना हो गया इस कलयुग के अवतार का। हाथ में निशान लेके जाऊ खाटू धाम मैं अन मन धन वारु प्यारे श्री श्याम पे छोटा सा मंदिर बनवाऊ मेरे लख दातार का मैं हो गया
॥दोहा॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द॥ ॥चौपाई॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई। भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया। यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर। बर्बरीक
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, उपर घी की बाटकी, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की॥ बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो, ऊके भरोसे बैठयो रहयो तो, भूखो ही रह जावैलो। आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की॥ थाली भरकर ल्याई रै… बार-बार मंदिर न जुड़ती, बार-बार में खोलती,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी, मैं शरण तेरी मैं शरण तेरी, जाने कहा कहा पर भटका तेरा दीवाना, दर ये तुम्हारा बाबा मेरा आखिरी ठिकाना, जिसपे किया भरोसा उसने ही आंख फेरी, लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी, मुझे थाम ले दुखो से, आया हु हार करके, थक
किस्मत वालों को मिलता है, श्याम तेरा दरबार सच्ची सरकार तुम्हारी, सांचा दरबार। किस्मत वालों को… जो भी गया है श्याम प्रभु के द्वार, पाया उसने सांवरिये का प्यार। एक झलक जिसको भी, मिल जाये, महक उठे मन, बगिया खिल जाए। खाली झोली जो लाए, भरता भण्डार, किस्मत वालों को… कलयुग में बस एक सहारा
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िन्दगी। मांगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही। ________________________ जिस पर प्रभु का हाथ था, वो पार हो गया। जो भी शरण में आ गया, उद्धार हो गया। जिसका भरोसा श्याम पर, डूबा कभी नहीं। माँगा है मैंने श्याम
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया। दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया॥ एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा। तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया॥ सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया… एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी। तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया॥ सांवली
तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे, तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई, हमें देखने वाला कोई न था, तुम जो मिले बंदगी मिल गई, बचाते ना तुम डूब जाते कन्हैया, कैसे लगा…ते-किनारे पे नैया, गमें ज़िंदगी से परेशान थे, रोते लबो को हंसी मिल गई, समज के अकेला सताती है दुनिया, सितम पे सितम हम पे… ढाती
जिसने तुझे भुलाया, उसने है सब गवाया, आयी है जब मुसीबत, कोई न काम आया। दुनिया बनाने वाले, मेरा वजूद क्या है, कर्जे की चंद साँसे, उसपे भी हक़ तेरा है। तूने धड़कने जो छीनी, सब ने किया पराया, जिसने तुझे भुलाया, उसने है सब गवाया। आकर जहाँ में तेरे, तेरे प्यार को न जाना,