Author: Vijender Singh

मुझको तो ये राम दिवाना लगता है।

छोड़ दिया इसने जमाना लगता है मुझको तो ये राम दिवाना लगता है छोड़ दिया इसने जमाना लगता है मुझको तो ये राम दिवाना लगता है ◾️राम नाम की धुन में ये मतवाला श्री राम का भक्त ये बजरंग बाला है छोड़ दिया इसने जमाना लगता है मुझको तो ये राम दिवाना लगता है इसे

वीणा नारद की बोले जय हनुमान।

वीणा नारद की बोले जय हनुमान तू भी रट ले रे हो जायेगा कल्याण वीणा नारद की बोले जय हनुमान वीणा नारद की बोले जय हनुमान तू भी रट ले रे हो जायेगा कल्याण वीणा नारद की बोले जय हनुमान ◾️दुःख भजन भाइये भजन संकट मोचन मंगल कारी दया निधि सुख सागर हनुमत भगतन के

भोले दानी रे भोले दानी भोले दानी भोले दानी।

भोले दानी रे भोले दानी, श्लोक दिन और दुखियो के तुम हो सहारे, सदा अपने भक्तो को भोले उबारे, भसम भभूति अपने तन पर राजे, नाग गले में डाले पिते हो नित भांग, के भोले जी तुम प्याले॥ भोले दानी, रे भोले दानी, भोले दानी भोले दानी, भोले निराला, पिए सदा भंगिया का प्याला, हे

कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम।

कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम मेरे राम जी से कह देना जय सियाराम मैं राम संग जपता तुम्हारा सदा नाम अपने राम जी से कह देना जय सिया राम दीन हीन के सहारे महावीर तुम हो अपने भक्तो की जगाते तकदीर तुम हो हर दुखिया का हाथ तुम लेते हो थाम

बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं।

बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं। हे राम भक्त तेरे चरणों में लिपट जाए॥ ◾️अंजनी के लाल जग में तेरी महिमा भारी है। हे पवन पुत्र तुम तो शंकर अवतारी है। बिन देखे तेरी सूरत अब चैन नहीं आए॥ बजरंगबली तेरा…। ◾️सूरज ने निगल कर के, बजरंगी कहलाए। लंका को जला कर के सीता की

थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै

थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै भाई लाडलो जमीन ऊपर सोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो ◾️नाही कोई दिन देख्यो, देखि नाही रात नै बन बन सागे डोल्यो, आंधी बरसात में म्हारे कालजे रो कोर सुध खोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो ◾️रघुकुल री आन ताईं, लड़यो मेघनाथ स्यूं

हनुमान को खुश करना आसान होता है।

हनुमान को खुश करना आसान होता है हनुमान को खुश करना आसान होता है..2 सिंदूर चढ़ने से हर काम होता है..2 हनुमान को खुश करना आसान होता है हनुमान को खुश करना आसान होता है..2 ◾️करले भजन दिल से हनुमान प्यारे का..1 जिसको भरोसा है अंजनी दुलारे का..1 वाहा आनंद है जहां इनका गुणगान होता..1

बम बम ल़हरी शिव शिव ल़हरी सब गायें।

बम बम ल़हरी, शिव शिव ल़हरी, सब गायें, श्लोक शेष नाग को गलपता कियो, शंकर गए कैलाश, अखण्ड तपस्या धारण की, जय जय जय भोले नाथ॥ ◾️शिव समान दाता नही, विपत निवारण हार, अब लज्जा मोरी राखियो, शिव नंदी के असवार॥ ◾️बम बम ल़हरी, शिव शिव ल़हरी, सब गायें, अगड़ बम शिव ल़हरी, बम-बम ल़हरी,

सभी देव देते दुनिया में पल्ला झाड़ के मेरे बालाजी देते है भक्तो छप्पर फाड़ के।

सभी देव देते दुनिया में, पल्ला झाड़ के मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक भक्त कुटिया मांगी, दे दिया तुरंत मकान किसी ने मांगी दो रोटी तो, खुलवा दी दुकान मेहंदीपुर में बैठा है ये तो, झंडा गाड़ के, मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक पते की बात बताऊँ,

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे देख लो मेरे दिल के नगीने में॥

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे देख लो मेरे दिल के नगीने में॥ ◾️श्लोक- ना चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभिषण ताना ना सह पाऊं क्यूँ तोड़ी है ये माला तुझे ए लंकापति बतलाऊं मुझमें भी है तुझमें भी है सब में है समझाऊँ ऐ लंकापति विभीषण ले देख मैं तुझको आज दिखाऊं॥