गजानन पूरण काज करो, सफल हमारा ये आयोजन, हे महाराज करो, गजानन पूरण काज करो।। श्लोक – मंगल करदे, अमंगल को, ख़तम कर दे, हर दंगल को, जहाँ हो स्वागत, श्री गणपति का, मंगल बना दे वो, जंगल को। गजानन पूरण काज करो, सफल हमारा ये आयोजन, सफल हमारा ये आयोजन, हे महाराज करो, गजानन
गजानन कर दो बेडा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं, तुम्हे मनाते हैं, गजानन तुम्हे मनाते हैं।। सबसे पहले तुम्हें मनावें, सभा बीच में तुम्हें बुलावें, सभा बीच में तुम्हें बुलावें है, गजानन कर दो बेडा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं।। आओ पार्वती के लाला, मूषक वाहन सूंड सुन्दाला, मूषक वाहन सूंड सुन्दाला, गजानंद
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है आवो आवो बेगा आवो, चाव दरश को भारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है॥ थे आवो जद काम बणेला था पर सारी बाजी है॥ रणक भँवर गढ़ वाला सुणले चिंता म्हाने लागी है देर करो ना अब दरशाओ चरणा म अर्ज हमारी है। गजानंद सरकार पधारो
गजानंद वंदन करते है, आज सभा में स्वागत है, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है।। देव तुमसा ना दूजा, प्रथम हो तेरी पूजा, नाम तेरे का डंका, आज
गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है। – श्लोक – प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥ गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।। थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंवर गढ़
परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा नमितो तुज आदी देवा हृदयांच्या हे नरेशा एकदंत लंबोदर, कटीस शुभ पितांबर अति पावन, अति सुंदर, तव स्वरूप हे गणेशा विघ्नेश्वर तू विधाता अनुरागी तू अनंता करुणाकर तू कृपाळा, वरदरूप विद्याधीशा
गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, तू ही खिवैया जग का तू ही पतवार है, गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है।। तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता, गजानंद पार करना, नाव है बिच भंवर में, मेरा उद्धार करना, अब तो तेरे भरोसे हो ओ ओ, मेरा परिवार है, गजानन्द
गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, एक प्रेम पुजारी आया है, तेरे द्वार भिखारी आया है।। मेरे हाथो में फूलो की माला है, ये तुझे पहनाने आया है, गजानंद तुम्हारे चरणो में, एक प्रेम पुजारी आया है।। मेरे हाथो में जल का लौटा