गिरिजानंदन शिव के दुलारे रिद्धि सिद्धि के दाता प्रथम पूज्य हो तुम देवो में कार्तिकेय के भ्राता गिरिजानंदन शिव के दुलारे रिद्धि सिद्धि के दाता प्रथम पूज्य हो तुम देवो में कार्तिकेय के भ्राता एक बार शंकर से पूछा पुत्रो ने भरमाये प्रथम पूज्य कौन है सुरो में हमको बताये कथा है इसकी बड़ी निराली
गणराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ।। रणत भवन से आवो नी गजानन, संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ। गणराज विनायक आवो, म्हारी सभा में रंग बरसाओ, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ।। ब्रम्हा जी आवो देवा
जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय
गणपति रखो मेरी लाज पुराण कीजो मेरे काज गणपति रखो मेरी लाज पुराण कीजो मेरे काज तू भक्तो का प्यारा है सबका पालन हार है सुख दयाक भाये हरी तू करता मूषक सवारी तू तू ही विघ्न विनाशक है दीं जानो का रक्षक है तेरा ही हम नाम जापे तुझको हम प्रणाम करे सदा रहे
गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते।। केवड़ा गुलाब जल से, खूब धोया आंगणा, चन्दन की चौकी ऊपर, मखमल का बिछोना, पार्वती लाला आकर, आसन लगाइये, रिद्धि और सिद्धि को भी, संग लेकर
गणपति जी गणेश नू मनाइये, सारे काम रास होणगे, हर काम नाल पहला ही धियाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी गणेश नू ध्याइये, सारे काम रास होणगे, सारे काम रास होणगे।। गौरा माँ दा मान है गणपत, शिव जी दा वरदान है गणपत, पेहला लड्डूवा दा भोग लगाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी
गणपति गजवदन विनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत ना करीयो, थारी किरपा चावा जी, गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी।। माथे मुकुट निरालो थाने, पार्वती का लाल कहावो, गणपति दुंद दुन्दाला है, रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे, मूसे की असवारी है। गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत
गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो, गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो।। शिव जी नो बाल आयो, उमिया नो लाल आयो, आयो रे आयो बाबो, लम्बोदर आयो, गणपति आयो बाबो, रिद्धि सिद्धि लायो, निर्भय वाला थे तो, नाम सुणायो, गजानंद आयो, एकदन्त आयो, गजानंद आयो,