Tujse Araj Bholenath Humari यह शिव भजन एक भक्त की भोलेनाथ से प्रार्थना है, जिसमें वह जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति की अरज कर रहा है। भजन में जीवन के दुखों और भ्रमित माया से मुक्ति की प्रार्थना की गई है। भक्त शिवजी से यह निवेदन कर रहा है कि वे उसे संसारिक
भक्ति वाली बाता करबो होरी रे या भक्ति दोरी रे सन्यासी विश्वासी निर्गुणी, विष्णु गोरख कबीरी रे। जनी कुडा दादु काचलीया, ब्रह्म अगोरी रे। या भक्ति दोरी रे…भक्ति वाली बाता करबो होरी रे मीराबाई जनमिया मेड़ता, या दुदा जी की छोरी रे। हो.. भक्ति के प्रताप से पी गई, जहर कटोरी रे। या भक्ति दोरी
मेरा छोटा सा परिवार, मैया आ जाओ इक बार मैया आ जाओ, मैया आ जाओ, मेरा छोटा सा परिवार, मैया आ जाओ इक बार… मेरी बीच भंवर मैं नैया है, दाती तुम बिन कौन खिवैया है॥ मेरी नैया लगा दो पार, मैया आ जाओ इक बार… मतलब की दुनियाँ सारी है, पैसे की रिश्ते दारी
जुलम कर डारो, सितम कर डारो। कारे ने कर दियो लाल, जुलम कर डारो।। अरे नज़र मोहन मतवारो, राधा जी करे इशारो। रे नैना सुं करो कमाल, जुलम कर डारो।। सब घेर लियो ब्रज नारी, नखराली गामन वारी। रे के चली गजब की चाल, जुलम कर डारो।। काजल की डिबिया लायी, अंगिया साड़ी पहनाई। मुखड़े
20 Best Khatu Shyam Dhamal lyrics खाटू श्याम जी के भक्तों के लिए ’20 सर्वश्रेष्ठ धमाल भजन मुखड़ा लिरिक्स'” खाटू श्याम के भक्तों का दिल हमेशा उनकी भगवानी में लीन रहता है। और जब फागुन का महीना आता है, तो हर तरफ खाटू श्याम के प्रेमी उनके रंग में डूब जाते हैं। इस खास मौके
Darji Seem De Nishan Manne Khatu Jaana Se दरजी सीम दे निसान, मन्ने खाटू जाणा से, खाटू वाले श्याम धणी से, हेत पुराणा से दरजी सीम दे निसान, मन्ने खाटू जाणा से ॥ कितनो मीटर कपड़ो ल्याऊ, कुणसो ल्याऊ रंग, लहरावे जद आसमान में, दुनिया हो जा दंग, बोल दरजी बोल मन्ने, के के ल्याणा
Falgun Ke Mele Mein Mujhko Bulakar फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर। बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर। कैसे मिलूं तुमसे श्याम। तू ही बता मेरे श्याम।। कल तेरे चर्चे बाजारों में होंगे। खाटू के रंगीं नजारों में होंगे। फूलों के रथ पे, निकलेगी झांकी। फिर भी ललक मेरी आंखों में होगी। फाल्गुन के मेले
Rang Mat Dare Re Bhajan Lyrics रंग मत डाले रे सांवरिया। म्हारो गुजर मारे रे, रंग मत डारे रे, मैं गुर्जरी नादान, यो गुर्जर मतवालों रे। रंग मत डारे रे। रंग मत डाले रे सांवरिया, म्हारो गुजर मारे रे।। डारो, नहीं डारो, रंग रसिया श्याम रंग रसिया श्याम , मन बसिया श्याम होली खेले तो