Author: Mohit Kumar

बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया…Verified Lyrics 

बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया, सब की आँखो का तारा -2 मन ही मन क्यो जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा मन ही मन क्यो जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया, सब की आँखो का तारा -2 जमना तट पर नंद का लाला, जब जब रास रचाए रे

मीठे रस से भरोरी, राधा रानी लागे,Verified Lyrics 

मीठे रस से भरोरी, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे म्हणे कारो कारो, यमुनाजी रो पानी लागे मीठे रस से भरोरी, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे म्हणे कारो कारो, यमुनाजी रो पानी लागे मीठे रस से भरोरी, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे म्हणे कारो कारो, यमुनाजी रो पानी लागे मीठे रस से भरोरी,

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की मैं तो आरती उतारूँ रे जय जय संतोषी माता जय जय माँ जय जय संतोषी माता जय जय माँ जय जय संतोषी माता जय जय माँ बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों में माँ की आँखों में

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।Verified Lyrics 

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए। जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥ जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है। तो गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥ तुम अपने भक्तो पे कृपा करती हो, श्री राधे। उनको अपने चरणों में जगह देती हो श्री राधे। तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो

हमको मन की शक्ति देनाVerified 

हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना। भेदभाव अपने दिल से, साफ़ कर सकें (भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सकें) दोस्तों से

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरंVerified Lyrics 

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी बल्लभम। कौन कहता हे भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं। अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी बल्लभम। कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं। अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी बल्लभम। कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ

Shri Parshuram Aarti – श्री परशुराम आरती

ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी॥ ॐ जय परशुधारी…॥ जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया॥ ॐ जय परशुधारी…॥ कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला॥ ॐ जय परशुधारी…॥ ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी। सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी॥ ॐ जय परशुधारी…॥ मुख

Shri Surya Aarti – श्री सूर्य आरती

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी। विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥

भैया मेरे राखी के, बंधन को निभाना

भैया मेरे राखी के, बंधन को निभाना भैया मेरे छोटी बहन को, ना भुलाना देखो ये नाता निभाना, निभाना भैया मेरे राखी के, बंधन को निभाना भैया मेरे छोटी बहन को, ना भुलाना, भैया मेरे ये दिन ये त्यौहार ख़ुशी का पावन जैसे नीर नदी का भाई के उजले माथे पे बहन लगाए मंगल टीका

Shri Kuber Aarti – श्री कुबेर आरती

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल