।।श्लोक।। माँ नाम लेना कोई शर्म नहीं है, इससे बड़ा तो कोई करम नहीं है, जिसमे माता की पूजा का जिक्र न हो, ऐसा तो दुनिया में कोई धर्म नहीं है। मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो, तेरी दया का हम सदा गुणगान करेंगे, तेरा ध्यान करेंगे। मैया कृपा कर दो झोली मेरी भरदो। भक्तो
मैंने, सब कुछ पाया दाती, तेरा दर्शन पाना, बाकी है। मेरे, घर में कोई कमी नहीं, बस तेरा आना, बाकी है। मैंने, सब कुछ पाया दाती… जो, मेरे घर में, आओ माँ, मेरा घर तीर्थ, बन जाएगा। मैं, भी तर जाऊँगा मईया, जो आएगा, तर जायेगा। इज़्ज़त शोहरत, दौलत तो मिली, मेहरों का खज़ाना, बाकी
भला किसी का कर ना सको तो, बुरा किसी का ना करना। पुष्प नहीं बन सकते तो तुम, कांटे बन कर मत रहना॥ बन ना सको भगवान् अगर, कम से कम इंसान बनो। नहीं कभी शैतान बनो, नहीं कभी हैवान बनो॥ सदाचार अपना न सको तो, पापों में पग ना धरना। पुष्प नहीं बन सकते
आज शनिवार है शनि जी का वार है, इक बार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है। शनि के मंदिर आके जो इस तेल चढ़ाता है, किरपा करते है शनि देवा मन चाहा फल पाता है, सच्चा दरबार है होती जय जय कार है, इक बार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है। त्रिलोकी में
राम कहूँ के रामदे, हीरा कहूं के लाल, ज्याने मिल गया रामदेव, पल में कीन्हा निहाल। खम्मा खम्मा खम्मा ओ, कंवर अजमाल रा-२ थाने तो पूजे राजस्थान जी ओ, गुजरात जियो, ओ ख़म्मा घणी घणी ख़म्मा, राजा रामसापीर ने।। भादरवा री बीज चांदनी, अजमल घर अवतार लियो, कुंकुम पगल्या मांड सांवरीयो, पालनीया मे पोड गयो,
श्री रामचंद्र आश्रित पारीजात है, समस्त कल्याण गुना। विरामः सीता मुखम गुरुचंचरिकः निरन्तरं मंगल मतनुत॥ जय रघुनन्दन जय सियाराम-२ हे दुःख भंजन तुम्हे प्रणाम-२ जय रघुनन्दन जय सियाराम-२ भाट भाट को है परमेशवर, शनैः तुम्ही सिखलाते-२ नर नारी के प्रेम की ज्योति, जग में तुमहि जलाते। हो नैया के खेवन हरे, जपु मई तुम्हारे नाम,
ओ मैया तेरे दरबार, ओ मैया तेरे दीदार को मैं आऊंगा। कभी न फिर न जाऊंगा, भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये-2 शेरावालिये नी माता जोतावालिये, रे सांचिये जोतावालिये लाटावालिये, तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी, जाएँ कहाँ ये दर छोड़ के हाँ छोड़ के। ओह्ह्ह तेरे ही संग बाँधी भक्तों ने डोरी, सारे
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा (वो भारत देश है मेरा) जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा (वो भारत देश है मेरा) जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा वो भारत देश है मेरा (वो भारत देश