Author: Mohit Kumar

श्री भागवत भगवान की है आरतीVerified 

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला, हरि नाम यही हरि धाम यही, जग में मंगल की आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये शान्तिगीत पावन पुनीत, पापों को मिटानेवाला, हरि दर्श कराने वाला, जे

उस बांसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले कीVerified 

उस बांसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की..(x2) गोदी में सो जाऊँ, मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो में खो जाऊँ।। देखि दुनिया दीवानी, ये मतलब की मस्तानी, बिन मतलब रुख ना जोड़े, यहाँ नित नित नयी कहानी, किस किस को छोड़ू बाबा, किस किस को अपनाऊँ, मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो

रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँVerified Lyrics 

रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ। अपने इस सेवक पर इतना ना ज़ुल्म करो, कमज़ोर बड़ा हूँ मैं थोड़ा तो रहम करो। कैसे अब क्या मैं करूँ कुछ समझ ना पाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ। करके कोशिश लाखों आखिर मैं

हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लालाVerified 

हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला, अब हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला। माथे पर तेरे तिलक बिराजे, सिर पर मुकुट सलोना साजे, शोभा काम निरख कर लाजे, गल मोतियन माला। देख चतुर्भुज रूप तिहारा, हमरे मन में हो उजियारा, भागे दूर विघन अंधियारा, कोटि विघन टाला। मूषक की असवारी सोहे,

ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्योंVerified Lyrics 

ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों, तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥ मैंने काली रात को जन्म लिया, और काली गाय का दूध पीया, मेरी कमली भी काली है, इसलिए काला हूँ। ज़रा इतना बता दे… सखी रोज़ ही घर में बुलाती है, और माखन बहुत खिलाती है, सखिओं का

बाबा तीन बाण धारी, बसे खाटू धाम में,

तर्ज़:-हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते… बाबा तीन बाण धारी, बसे खाटू धाम में, आधार है जीवन का, श्याम तेरे नाम में, पीपल के भेदे पत्ते, तूने एक बाण से, न्याय धरम का तुमने, किया सम्मान रे, भूल ना पाएं तेरी, महिमा जहान, कृष्णा के कहने से, दिया शीश दान रे आधार है

मात-पिता सूं दगो करेलाVerified Lyrics 

॥ दोहा ॥ मात-पिता परमात्मा, पति सेवा गुरु ज्ञान। इनसे हिल मिल चालिए, वो नर चतुर सुजान॥ मात-पिता सूं दगो करेला, चार जनम दुख पावे। लख चौरासी फिरे भटकतो, सीधो नरक में जावे रे, मनवा , इतरो क्यूं इतरावे॥ पेला रे जनम में बणे बलधियो, पकड़ तेली घर लावे। आँख्या रे थारे पाटो बांध ने,

दो पंख दिए होते तो उड़ आता खाटूधाम।Verfied 

दो पंख दिए होते खाटू श्याम जी भजन – Top 10 Khatu Shyam Bhajan | Most Popular Khatu Shyam Bhajan खाटू श्याम जी भजन | Latest Khatu Shyam Bhajan | New Shyam Bhajan | Baba Shyam Superhit Bhajan सुपरहिट श्याम भजन | खाटू श्याम जी के गाने | श्याम बाबा के भजन दो पंख दिए

हो रही धन की बरसात देखो जी धनतेरस आई हैVerified Lyrics 

हो रही धन की बरसात देखो जी धनतेरस आई है-२ माता लक्ष्मी को संग लाइ घर घर में खुशहाली छाई, धनतेरस की महिमा सभी देवो ने गाई है, हो रही धन की बरसात देखो जी धनतेरस आई है।। जिस घर आये लक्ष्मी माता, लक्ष्मी माता हो लक्ष्मी माता, वो घर तो कंचन हो जाता, कंचन

पितर जी की महिमा का आओ करे बखान,Verfied 

पितर महिमा तर्ज :- देना हो तो दीजिये… पितर जी की महिमा का आओ करे बखान, जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान, जब जब विपदा घेरे मुझको मन मेरा घबराया है, पितर देव ने सिर पर मेरे अपना हाथ फिराया है, वो साथ खड़े है हरपल करने मेरा कल्याण,।। 1 ।। मैंने