श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि॥ तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरि हरि ॥ भज मन नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि श्री मन नारायण नारायण हरि हरि हरि ॐ नमो नारायणा, ॐ नमो नारायणा, हरि ॐ नमो नारायणा, हरि ॐ नमो नारायणा ॥ लक्ष्मी नारायण नारायण हरि हरि, बोलो नारायण नारायण
कुछ पल की ज़िन्दगानी, इक रोज़ सबको जाना, बरसों की तु क्यू सोचे, पल का नही ठिकाना॥ कुछ पल की ज़िन्दगानी, इक रोज़ सबको जाना, बरसों की तु क्यू सोचे, पल का नही ठिकाना॥ मल मल के तुने अपने, तन को जो है निखारा, इत्रो की खुशबुओं से, महके शरीर सारा। काया ना साथ होगी,
कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है – २ सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है कैसा प्यारा ये दरबार है….. तेरे दरबार में सबको हर सुख मिले, तेरी
जाने कितनो की किस्मत यहाँ आके संवरी है, तिहु लोक में तो कोई और नहीं मेरे बाबा की खाटू नगरी है, जब से मैं खाटू जाने लगा, बदली है मेरी ये ज़िंदगी, बाबा ने अपनी शरण ले लिया, चरणों की मुझको मिली बंदगी, उल्जन हो चाहे जैसी यहाँ आके सुलजी है, तिहु लोक में तो
अवतार हो गया रे अवतार हो गया, गोकुल में श्री कृष्ण का अवतार हो गया॥ कोई लाया कुर्ता टोपी कोई लाया झबला, पीला पितांबर कान्हा को भा गया, गोकुल में श्री कृष्ण का अवतार हो गया। अवतार हो गया रे अवतार हो गया, गोकुल में श्री कृष्ण का अवतार हो गया॥ कोई लाया गेंद बल्ला
एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे, आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे। होठो पे मुस्कान है छाले पाब में, आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे॥ कभी अल्लाह अल्लाह बोले, कभी राम नाम गुण गाये। कोई कहे संत लगता है, कोई पीर फ़क़ीर बताये। कभी अल्लाह अल्लाह बोले, अल्लाह…, अल्लाह… कभी अल्लाह
बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता उसकी नैया फिर तू ही संभाले भव सागर से पार लगाता बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता कहलाता है अंजनी पुत्र तू अमंगल को मंगल करता है भुत प्रेत फिर निकट ना आवे नाम तेरा जो गाता है बजरंग बलि मेरे
बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को, बनवारी को, गिरिधारी को। कोई बता दे उसका पता, मेरो मन है गयो लटा पटा॥ मोर मुकुट श्यामल तन धारी, कर मुरली अधरन सजी प्यारी। कमर में बांदे पीला पटा, मेरो मन है गयो लटा पटा॥ पनिया भरन यमुना
श्यामा थारी ओल्यू आवे म्हाने दिन रात रे, कद हो सी बाबा थासु म्हारी मुलाकात रे, श्यामा थारी ओल्यू आवे म्हाने दिन रात रे। यु तो मैं रोज थारा दर्शन पावा, मन चाहवा भजन से थाने रिजावा, पर अब तक बाबा बनी नहीं बात रे, कद हो सी बाबा थासु म्हारी मुलाकात रे, श्यामा थारी