लाल लैंगोटे वाला हाथ सोटे वाला बजरंगी बड़ा ही कमाल प्यारा प्यारा अंजनी का लाल सीता का पता लगया रावण को खूब डराया श्री राम के काम बानया लंका जला के आया लक्ष्मण को मूर्छा आयी पर्वत उठा के लाया संजीवन संग में लेके देव भी सारे देखे चले हैं पवन की चाल प्यारा प्यारा
बाबा थारे रूप के आगे, माहने चंदा फीका लागे, श्याम रूप थारो दिल में समा गयो.. शीश मुकट की छटा निराली मोर पंख लहरावे जी काना कुण्डल लट नागन सी लम्बो तिलक लगावे से फूल खिले जोवन उपवन में जद बाबो मुश्कावे जी थारी अखियां जादू गारी मोटी मोटी कारी कारी श्याम रूप थारो.. सतरंगी
गूँजे सदा जयकार ओ भोले तेरे भवन मे-2 बेलपत्र और गंगाजल से-2 भक्ति भाव से पुजा कर ले तारेंगे भव से पार, हो चलो शिव के शरण मे गूँजे सदा जयकार.. शिव का ध्यान करे मन निर्मल -2 शिव भक्ति है पुनयो का फल करते है भोले निवास, हो अपने भक्तो के मन मे गूँजे
नख पर गिरिवर लीनो धार, कन्हैया मेरो बारो, कन्हैया मेरो बारो, कन्हैया मेरो बारो। नख पर गिरिवर लीनो धार, कन्हैया मेरो बारो ॥1॥ यूँ कहे यशोदा मैया, सब ज़ोर लगाओ भैया, अरी यह कैसे झेले भार, कन्हैया मेरो बारो, कन्हैया मेरो बारो,कन्हैया मेरो बारो। नख पर गिरिवर लीनो धार, कन्हैया मेरो बारो, कन्हैया मेरो बारो,
छायें काली घटाये तो क्या, तेरे आँचल के नीचे हूँ मैं, आगे आगे वो चलती मेरे, अपनी श्यामा के पीछे हूँ मैं, उसने पकड़ा मेरा हाथ है, फिर डरने की क्या बात है। श्यामा प्यारी मेरे साथ है, फिर डरने की क्या बात है, उसने पकड़ा मेरा हाथ है, मेरी श्यामा की क्या बात है,
जब फागुन मेला आए, श्री श्याम ध्वजा लहराये, कोई ये तो बताये मुझे ये काया हुआ है, ओ मेरा दिल क्यों मचला जाये, जब फागुन… रंग रंगीला फागण महीना मेरे मन को भाये, रात या दिन हो हर पल मुझको तेरी याद ही आये, कोई ये तो बताये मुझे ये क्या हुआ है, हो मेरा
आओ आओ यशोदा के लाल आओ आओ यशोदा के लाल, आज मोहे दरशन से कर दो निहाल, आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल नैया हमारी भंवर मे फंसी, कब से अड़ी उबारो हरि, कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल( २) आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल, अबतो सुनलो पुकार मेरे जीवन आधार,
टेर : क्या लेकर तूं आया जगत में , क्या लेकर तूं जायेगा। सोच समझ ले – रे ,मन मूरख आखिर में पछतावेगा।। भाई बन्धु और मित्र प्यारे , मर्घट तक संग जायेंगे , सवार्थ के दो आंसू देकर लॉट -लॉट घर आवेंगे , कोई न तेरे साथ चलेगा ,एक अकेला जावेगा। क्या लेकर तूं…..