ऊँचे पर्वत चढ़कर जो, तेरे मंदिर आते हैं, मैया जी तेरी महिमा गाते हैं, (मैया जी तेरी महिमा गाते हैं) महिमा गाते हैं, मैया जी तेरी महिमा गाते हैं, मैया जी तेरे दर्शन पाते हैं। हे जगदम्बा महारानी, तेरा नहीं कोई सानी, तू रण में रणचंडी माँ, तू मन में शीतल है माँ, हो, तेरे
जरी की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला, कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा। ज़री की पगड़ी बाँधे… कानों में कुण्डल साजे, सिर मोर मुकुट विराजे, सखियाँ पगली होती, जब – जब होठों पे बंशी बाजे। हैं चंदा यह सांवरा, तारे हैं ग्वाल बाला, कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा॥ लट घुँघरे बाल, तेरे
मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो, मैं दर तेरे ते आई हुई या, मेरे कर्मा वल ना वेखेयो जी, मैं कर्मा तो शरमाईं हुई या, मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो, मैं दर तेरे ते आई हुई या। जो दर तेरे ते आजांदा, ओह असल खजाने पा जांदा, मैंनू वी खाली मोड़ी ना, मैं वी
आंगणो भर जासी, आंगणो भर जासी-(२) बेटा पोता माल ख़जाना, बाबो कृपा कर जासी, आंगणो भर जासी, आंगणो भर ज्यासी। श्याम म्हारो कदे ना नटणो जाणे, भगत की प्रीत में बसणों जाणे-(२) सच्चे मन से देख बुलाके, बाबो तेरे घर आसी, आंगणो भर जासी, आंगणो भर ज्यासी। जो ग्यारस की घर ज्योत जगावै, वो बाबा
खम्मा-खम्मा हो रामा रूनिचे रा धनिया, थाने तो ध्यावे आखो मारवाड हो, आखो गुजरात हो अजमाल जी रा कवरा। भादुरेडी दूज ने चमकियो जी सितारो, पालनिया मे झूलने आयो पालन हरो, द्वारिका रा नाथ झूले पालनिया हो, रामा दुवरिका रा नाथ झूले पालनिया। हो अजमाल जी रा कवरा… बाडोरा विरमदेव छोटा रामदेवजी, धोरा री धरती
हर ग्यारस की ग्यारस तुमसे, मुलाकात हो जाए, तुम सामने बैठे हो, थोड़ी बात हो जाए॥ तेरा और मेरा साँवरे, ये कैसा नाता है, हर ग्यारस की ग्यारस, खाटु ले आता है, हर बार ये दिल करता है, कोई करामात हो जाए, तुम सामने बैठे हो, थोड़ी बात हो जाए॥ तेरे मंदिर के आगे जो
ऊंचा है भवन ऊंचा मंदिर, ऊंची है शान मैया तेरी, चरणों में झुके बादल भी तेरे, पर्वत पे लगे शैया तेरी॥ हे कालरात्रि हे कल्याणी, तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं, मेरी माँ के बराबर कोई नहीं, मेरी माँ के बराबर कोई नहीं। तेरी ममता से जो गहरा हो, ऐसा तो सागर कोई नहीं, मेरी
बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये, नैना उलझ गये मुश्किल में पड़ गये। (बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये) जब मैं जाऊ पनिया भरन को, सखिया के संग तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये। बांके बिहारी तुझे देख के… जब मैं जाऊ यमुना नहाने, चीर चुराते तुझे देख
बही भक्ति की गंगा-यमुना, श्रद्धाओं के दीप जलाये। देखो फिर नवरात्रे आये। कोई माँ का भवन बुहारे, कोई तोरणद्वार सँवारे, यज्ञ-हवन में लगे सभी ही, लगा रहे माँ के जयकारे। भोग लगाता कोई माँ को, कोई चुनरी लाल चढ़ाये, देखो फिर नवरात्रे आये। अम्बर कितना चमक रहा है, मातामय हो दमक रहा है, मेघों का
काळा काळा कहवें रै गुजरी, मत काळे का ज़िकर करै, काले रंग पे मोरनी रुदन करै, काळा काळा कहवें रै गुजरी। मोटे मोटे नैन राधा के, जिसमें सुरमा ख़ूब सजै, काले रंग पे मोरनी रुदन करै, काळा काळा कहवें रै गुज़री, काले रंग पे मोरनी रुदन करै। लाम्बे लाम्बें (लम्बे-लम्बे) केश राधा के, जिसमें मांग