तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तुमसा और ना कोई, जब जब टुटा मेरा खिलौना, मुझसे पहले तू रोई, तेरी तुलना किससे करूं माँ, तुमसा और ना कोई।। ◾️मेरे हँसने पर हँसती है, रोने पर रोती है, फिर भी मैं ये समझ ना पाया, माँ कैसी होती है, मैं खोया इस
नवरात्रों की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के, होगा शेरावाली का दीदार, जयकारे गूंजे मैया के, नवरात्रो की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के।। ◾️माँ का भवन सजाया, फूलों कलियों से महकाया, हुआ आँगन पवित्तर, माँ ने करम कमाया, ज्योत मैया की जगा के, सबने मिरदंग बजाके, सब भक्तो ने गाके, खूब रंग
उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी, थोड़ी सी मैहर कर दे, कितनी उम्मीदे लाया, कितने ही सपने, थोड़ी सी मैहर कर दे। उंचिया पहाड़ा वाली है मैया, गूंजते जयकारे तेरे है मैया। उंचिया पहाड़ा वाली है मैया, गूंजते जयकारे तेरे है मैया।। ◾️यूँही नहीं आए हम, मैया तेरे दर पे, बनके के पुजारी, तेरे
बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है, मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे। बिजली कड़क रही है, हम थम के आए है, मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे।। ◾️कोई बूढी माँ के संग आया, कोई तनहा हुआ तैयार, कोई आया भक्तो की टोली में, कोई पूरा परिवार, सबकी
मैया रानी जो आने का वादा करो, मै यूँहीं रोज कुटिया सजाता रहूं, अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी, तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं, मैया रानी जो आने का वादा करो, मै यूँहीं रोज कुटिया सजाता रहूं।। ◾️कितना सुन्दर लगे मेरी माँ का भवन, स्वर्ग में भी तो ऐसा नजारा नहीं, माँ
आए तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण, तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे।। ◾️उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ, चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप पे आसमा की चादर तनी है, सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने
अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे। श्लोक – मौज सबको, नसीब नहीं होती, जिंदगी सबकी, खुशनसीब नहीं होती, पर हो गई जिसपे, मैया की मेहरबानी, जिंदगी उसकी, बदनसीब नहीं होती। ◾️मैया ओ अम्बे मैया, मैया ओ अम्बे मैया, अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना
मेरी मैया शेरोवाली है, करे भक्तो की रखवाली है, सब भक्तो मिलकर जय बोलो, शेरावाली की जय बोलो।। श्लोक – नाम जो अम्बे रानी का, मन से प्राणी गाएगा, उसका बेडा भव सागर से, पल भर में तर जाएगा, लाज रखती है भक्तो की, बिन मांगे ही सब पाएगा, और सच्चे मन ऐ ‘लख्खा’, जो
लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली, जिसको ब्रह्मा ने बनाया, जिसको विष्णु ने सजाया, जिसको भोले ने रंग में रंग डाली, लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली।। ◾️रंग चुनरी का शक्ति अपार देता, पाप मन में बसे इसको मार देता, जिसने
आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के।। श्लोक – चैत महीना और अश्विन मे, आते माँ के नवरात्रे, मुँह माँगा वर उनको मिलता, जो दर पर चल कर आते।। ◾️आए नवरात्रे माता के, आए नवरात्रे माता के, आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के, जय हो नवरात्रे