Author: Anil Kumar

भोले शंकर की शरण में आ जीवन तेरा ये संवर जायेगा।

भोले शंकर की शरण में आ, जीवन तेरा ये संवर जायेगा, भव सागर में जो अटकेगा, वो बेडा पार उतर जायेगा।। ◾️नाम मेरे शम्भू का, इंसान जो एक बार लेता है, वो है भोला भाला, बदले में मुँह माँगा वर देता है, उनकी दया जो हो जाये, उनकी दया जो हो जाये, तेरा घर खुशियो

भोलेनाथ ने पुकारा चल चल मेरे यारा।

भोले नाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा।। भोले नाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा, चल चल मेरे यारा, भोले नाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा, भोले बाबा ने पुकारा, चल चल मेरे यारा, देख सावन का नजारा, जहाँ गंगा का किनारा, बोल बम- भोलेनाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा, चल चल

भोले के दर चलो लेके कांवड़ चलो।

भोले के दर चलो, लेके कांवड़ चलो, कलशे छोटे बड़े, गंगा में भर चलो, भोले शंकर को जल चढ़ाएंगे, चल रे कांवड़िया बढ़ायेजा कदम, होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम, घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम छम, काहे की फिकर अब काहे का है गम, बोल बम बोल बम बोल बम बम बम।। ◾️सम्भल सम्भल चल

भोले के चरणों में ध्यान अपना लगा ले।

भोले के चरणों में, ध्यान अपना लगा ले, सुखदाई है ये नाम, जप रे मन रात दिन, बोलो बम बम बोलो, हर हर बम बम बोलो।। ◾️अंग भभूति रमाये है, माथे पे चंदा सुहाए है, गंगा जटाओ में समाये है, विषधर गले में लिपटाये है, भोले के चरणों में, ध्यान अपना लगा ले, सुखदाई है

भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी।

भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटत घोटत हारी, हमसे ना घोटी जाए, तेरी एक दीना की होए तो घोटु, रोज ना घोटी जाए।। श्लोक – भोले तो अलमस्त है, पिए धतूरा भंग, गले में सोहे कालिया, जटा में सोहे गंग, गंग भंग दो बहन है, जो रहे उमा के संग, जिन्दा तारण भंग है, मुर्दा तारण

बाबा बेगो बेगो आजा रे कांवड़ लेके चाल थाका।

बाबा बेगो बेगो आजा रे, कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे, ओ बाबा बेगो बेगो आजा रे, कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।। ◾️घणी देर सु बाट जोवता, हो गई म्हाने देरी, ना जाणे क्या में बिलमायो, हो रही रात अँधेरी, तू भी म्हारे सागे हो ले रे, कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या

फिर से सावन की रुत आई मौका चूक ना जाना भाई।

फिर से सावन की रुत आई, मौका चूक ना जाना भाई, दरबार में भोले शंकर के, गंगा जल भरके चलो, बम बम रटते चलो।। ◾️वो ही कांवर उठाकर आते, मेरे भोले जिसको बुलाते, शिव शंकर की बात निराली, कोई दर से लौटा ना खाली, जिसने प्रेम से नाम लिया है, भोले शंकर ने क्या ना

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमनु मुकुरु सुधारिVerified Lyrics  

Singer Name : singer : हरिहरणश्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर। राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति