Author: Anil Kumar

लाखो के दुःख लिए हर दातिए झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।

लाखो के दुःख लिए हर दातिए, झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए, सबको दिए खुशियों के वर दातिए, सबको दिए खुशियों के वर दातिए, झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।। ◾️भरे हुए तेरे भंडार है, उनमे कमी ना किसी बात की, हर जगह पर हर और ही, करुणा की तूने तो बरसात की, सबपे है

मैया जी देना वरदान जी होके दयावान करें हम तुम्हारा गुणगान।

मैया जी देना वरदान, जी होके दयावान, करें हम तुम्हारा गुणगान, ना रस्ते से भटके, किसी को भी ना खटके, रहे तेरे चरणों में सदा ध्यान।। ◾️तू ज्योता वाली, जग से निराली, मूरत तुम्हारी है माँ, भोली भाली, धर्म बचाने को, पाप मिटाने को, तुम्ही बन जाती हो, चामुंडा काली, तेरा दिल सागर है, ममता

माँ की हर बात निराली है बात निराली है की हर करामात निराली है।

माँ की हर बात निराली है, श्लोक – पास की सुनती है, दूर की सुनती है, गुमनाम के संग संग, मशहूर की सुनती है, माँ तो आखिर माँ है, माँ के भक्तो, माँ तो हर, मजबूर की सुनती है। ◾️माँ की हर बात निराली है, बात निराली है, की हर करामात निराली है, माँ की

तुम्ही मेरी मैया जीवन खिवैया तुम्ही आसरा हो।

तुम्ही मेरी मैया, जीवन खिवैया, तुम्ही आसरा हो, तुम्ही आसरा हो, कोई माँ की आँखों में, देखे तो समझे, की ममता भरी है, की ममता भरी है।। ◾️जिधर देखती हूँ, उधर तू ही तू है, ना जाने मगर, किन खयालो में तू है, भक्तो को देख मैया, जरा मुस्कुरादो, नहीं तो वो समझेंगे, की उनसे

दाती माँ फरियाद सबकी सुनेगी।

दाती माँ फरियाद सबकी सुनेगी, बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।। ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार, ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार। ◾️जन्म के ही गूंगो को बोलते है देखा, अन्धो को यहाँ आके देखते है देखा, यहाँ आके तकदीरे पलटा है खाती, सूखे हुए चेहरों पे हरियाली आती, बनती किनारा यहाँ खुद

जबसे मिला है मुझे ये दरबार अपनी तो दुनिया बदल गई।

जबसे मिला है मुझे ये दरबार, अपनी तो दुनिया बदल गई यार, चाँदी चाँदी हो गई मेरी, चाँदी चाँदी हो गई।। ◾️दुःख के बादल सब दूर हुए, खुशियाँ ही खुशियाँ छाई है, मेरी वैष्णो माँ की किरपा से, ये रात सुहानी आई है, अब ना किसी की है दरकार, अपनी तो दुनिया बदल गई यार,

सबकी भरती है माँ यहाँ पर झोलियाँ।

सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ। चढ़के पहाड़ी,भक्तो की प्यारी, रोज आती है टोलियां, सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ, सबकी भरती है, यहाँ पर झोलियाँ, सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ।। ◾️तू है खुशियों के, वर देने वाली, माँ वर देने वाली, दयालु महाकाली, तू सारे ही जग से निराली, बड़े

शेरावाली तू मैया तू जग की रचैया।

शेरावाली तू मैया, तू जग की रचैया, हमने जब भी है, तुमको पुकारा, भव सागर से, तूने है तारा, भव सागर से, तूने है तारा।। ◾️पर्वतों में युगों से है, ज्योत तेरी जलती, चरणों को है धोती हुई, गंगा भी है बहती, राजा हो चाहे कोई, रंक हो मैया, पाया तुमसे ही, सबने सहारा, भव

चलो दर शेरावाली मैया के सवाली बनके।

चलो दर शेरावाली, मैया के सवाली बनके, माँ ने खोले है खजाने, ख़ुशी के धन के, चलो दर शेरावाली, मैया के सवाली बनके।। ◾️ऊँचे पर्वत पर मैया, दरबार सजा कर बैठी है, भक्तो का दुःख हरने का, वो बीड़ा उठा कर बैठी है, दाती माँ तैयार है कबसे, मन वांछित फल देने को, आशा की

एक भोली भाली कन्या पर्वत से भक्तों आई।

एक भोली भाली कन्या, पर्वत से भक्तो आई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई, हाथो में है लाल चूड़ा, पाओं मे पायल भाई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई।। ◾️कोई कहे वो वैष्णो माता, झोलियाँ भर ने वाली, कोई कहे माँ चिंतपूर्णी, चिंता हरने वाली, चरनो मे कोई गिर के बोले,