मेरी मैया में वो जादू है, इस द्वार पे जो आता है, वो भक्त माँ अम्बे रानी फिर, तेरे ही भजन गाता है, तेरे ही भजन गाता है, मेरी मैया में वो जादू है।। ◾️तीनो लोको की प्रतिपाली, मैया जग बगिया की माली, झोली भरती सबकी खाली, सवाली बनके जो द्वार पे आए, करती हर
दुनिया के रंग रूप में, क्यों हो गया मगन, आजा आजा आजा शरण, ले पकड़ माँ के चरण।। श्लोक – हे जगत जननी, भवानी शारदे, माँ हमें भी ज्ञान का भंडार दे, तेरे सेवक सुर असुर नर और मुनि, तेरी सेवा सेवको को तार दे, मुझको भी चरणों की सेवा में लगा, माँ मै नहीं
पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, झिलमिल सितारों की, ओढ़े चुनर माँ, शेर पे सवार मिलती है।। ◾️लाल चुनरिया लाल घगरिया, माँ के मन भाए, लाल लांगुरिया लाल ध्वजा, मैया की लहराए, करे नजरिया जिसपे मैया, भाग्य चमक जाए,
रहने दो भोले हमे चरणों की छाँव में, अपने भजन में लगाए रखना, भोले जी, भोले जी, रहने दो बाबा हमे चरणों की छाँव में, अपने भजन में लगाए रखना, भोले जी, भोले जी।। ◾️मेरे इस दिल में सदा तेरी लगन हो, मुख में ऐ भोले दानी तेरे भजन हो, इसके सिवा दूजी कोई मांग
मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी, अपने भोले की जोगन बनूँगी, मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी, अपने भोले की जोगन बनूँगी।। ◾️मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला, वो है पारस महादेव भोला, मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला, वो है पारस महादेव भोला, चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी, अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो, अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो, अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो, वो है त्रिपुरारी अनाड़ी मत समझो।। ◾️मेरे भोले बाबा के गले सर्प माला, मेरे भोले बाबा के गले सर्प माला, सर्पो को देख कर सपेरा मत समझो, सपेरा मत समझो, सपेरा मत समझो, अनाड़ी मत समझो,
मेरे घर के आगे भोलेनाथ, तेरा मंदिर बन जाये, जब खिड़की खोलू तो, तेरा दर्शन हो जाये।। ◾️जब आरती हो तेरी, मुझे घंटी सुनाई दे, मुझे रोज़ सवेरे भोलेनाथ, तेरी सूरत दिखाई दे, जब भजन करे मिलकर, रस कानो में घुल जाए, जब खिड़की खोलू तो, तेरा दर्शन हो जाये।। ◾️आते जाते बाबा तुमको, मै
मानो तो वो शिव शंकर है, ना मानो तो पथ्थर प्राणी, विश्वास है जिनके मन में, मिलते है उसे शिव दानी, मानो तो वो शिव शंकर है, ना मानो तो पथ्थर प्राणी।। ◾️युग युग से सब जपते आये, जिनके नाम की माला, स्वयं है बैठा ज्योतिर्लिंग में, शंकर डमरू वाला, सब वेद पुराण बताते, शिवलिंग