Author: Anil Kumar

तू माँ शहंशाहो की शहंशाह मैं गरीबो से भी गरीब हूँ।

तू माँ शहंशाहो की शहंशाह, मैं गरीबो से भी गरीब हूँ, तेरे हाथो ने लिखी किस्मतें, जो ना बन सका मैं नसीब हूँ, तू माँ शहंशाहो की शहंशाह।। ◾️तेरा हर जुबां पे है जिक्र माँ, तुझे हर भगत की है फिक्र माँ, क्यों मुझि पे नजर करम नहीं, क्या तेरे लिए मैं रकीब हूँ, तू

पल पल नाम जपूं मैं तेरा तेरी अलख जगाऊं।

पल पल नाम जपूं में तेरा, तेरी अलख जगाऊं -2, दे दो माता दर्श के में भी, भवसागर तर जाऊं -2।। ◾️फूलों सा कोमल मेरा मन, जीवन तमस भरा है, बस तेरे इक दर्श बिना, सब कुछ धुंधला धुंधला है, माझी हूं फंस गया भंवर में, नैया पार लगा दो, भूले-भटके मेरे जैसे, सब को

सारी दुनिया छोड़ के आया तेरे द्वार।

सारी दुनिया छोड़ के, आया तेरे द्वार माँ, आया तेरे द्वार माँ, कर मेरा उद्धार माँ, जग की पालन हार माँ, मेरी ओर निहार माँ, सारी दुनिया छोड़ के, आया तेरे द्वार माँ।। ◾️मन मेरा चाहे माता, करूँ तेरी नौकरी, दिल मेरा चाहे मैया, करूँ तेरी नौकरी, तेरे चरणों में लगे, रात दिन हाजरी, रखलो

खाली कदे ना मोडे बन आया जो सवाली।

खाली कदे ना मोड़े, बण आया जो सवाली, मेरी चिंता पुरणी माँ, मेरी चिंता पुरणी माँ, बिगड़ी बनाने वाली, खाली कदे ना मोड़े, बण आया जो सवाली।। ◾️मोके जाणे कष्ट सारे, मेरे जाण तेरे सहारे, जो मोह माया छड़ के, आ जाण माँ दे द्वारे, ओथे रहणा की है मेरा, ओथे रहणा की है मेरा,

ना ही हैलो कहो ना ही हाय कहो।

ना ही हैलो कहो, ना ही हाय कहो, ना ही हैलो कहो, ना ही हाय कहो, ना ही हैलो कहो, ना ही हाय कहो, ◾️हर एक काम बने, माँ का नाम जपने से, ये झूठे जग में, ये झूठे जग में, इसी को खरी कमाई कहो, ना ही हैलो कहो, ना ही हाय कहो।। ◾️जो

आए मैया के नवराते हो रहे घर घर में जगराते।

आए मैया के नवराते, हो रहे घर घर में, हो रहे घर घर में जगराते, रिझाते मैया को, रिझाए मैया को झूमते गाते, गूंज रही भक्तो की, गूंज रही भक्तो की जय जयकार, सजा है माता का, सजा है माता का दरबार।। ◾️बुलावा जब जब भवन से आए, भेज के चिठियाँ ओए, भेज के चिठियाँ

मात ज्वाला कर उजियाला तेरी ज्योत जगाऊँ तेरे दरबार आके।

मात ज्वाला कर उजियाला, तेरी ज्योत जगाऊँ, तेरे दरबार आके, तेरे दरबार आके, बनके तेरे चरणों का सेवक, मुँह माँगा वर पाऊँ, तेरे दरबार आके, तेरे दरबार आके।। ◾️माँ अम्बे रानिये, कितना प्यारा तेरा धाम है, हर दुःख से दूर है वो, जिसकी जुबां पे तेरा नाम है, मोह माया को, मोह माया को मन

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया।

जिनका मैया जी के, चरणों से संबंध हो गया, उनके घर में आनंद ही, आनंद हो गया, उनके घर में आनंद ही, आनंद हो गया।। ◾️माँ की शक्ति को जो भी, प्रणाम करते, माँ की भक्ति में मन को, जो भी रंगते, माँ की किरपा से तन मन, प्रसन्न हो गया, उनके घर में आनंद

बांधू जिसपे राखी वो कलाई चाहिए बहना कहने वाला एक भाई चाहिए।

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए, बहना कहने वाला, एक भाई चाहिए, माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर।। ◾️हीरे मोती सोना चांदी, मांगू कब माँ, बंगले की गाडी की भी, कोई चाह ना, सुना सुना लगे जग, भाई के बिना, आँख हो जैसे रोशनाई के बिना, दीपक हूँ मैं तेल

अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे।

अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे, अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे।। श्लोक – जिसने वर माँगा, तो वरदान दिया है तुमने, मुर्ख से मुर्ख को भी ज्ञान, दिया है तुमने, पुकारा जिसने भी नाम, तेरा मेरी मैया, उसको संकट में भी, अभय दान दिया है तुमने। ◾️कब से बुलाऊँ मेरे घर आओ माँ, अब तो पहाड़ो