बाला सा थाने कोण सजाया जी म्हारे मनड़ो हर लीनो थारी सूरत मतवारी।

Bala Sa Thane Koan Sajayo Ji Maharo Mannro Har Linho Thari Surat Matwali.

बाला सा थाने कोण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

श्लोक – उत्सव आप को आ गयो,
खूब सज्यो शृंगार,
वीर बजरंगी मैं आपकी,
लेउँ नज़र उतार।

◾️बाला सा थाने कोण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो,
थारी सूरत मतवारी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

◾️थारे हाथ में घोटा,
लाल लंगोटा जी,
थारे लाल सिंदूर चढ़े,
थे देव हो बलकारी,
बाला सा थाने कुण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

◾️थारा उत्सव आया,
मन हरषाया जी,
सब झूम झूम नाचे,
जय बोले है थारी,
बाला सा थाने कुण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो,
थारी सूरत मतवारी।।

◾️थे राम नाम की,
धुन में मतवाला जी,
है अजर अमर गाथा,
है माया अजब थारी,
बाला सा थाने कुण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो,
थारी सूरत मतवारी।।

◾️माला को तोड़ा,
सीने ने चिर दीयो,
हो अंजनी के लाला,
जय हो जय हो थारी,
बाला सा थाने कुण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

◾️‘लक्खा सिंह’ थारा,
लाड लड़ावे जी,
थारी सूरत पे बाबा,
‘बनवारी’ बलहारी,
बाला सा थाने कुण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

◾️बाला सा थाने कोण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो,
थारी सूरत मतवारी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *