चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।

Chalo Bulawa Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai

दोहा: माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं।
माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं।
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है। – चलो बुलावा….

सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आंख के तारों का।
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है।- चलो बुलावा….

जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पीछे वालों को।
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है। – चलो बुलावा….

वैष्णो देवी के मन्दिर मे, लोग मुरादे पाते हैं,
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते हैं।
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है। – चलो बुलावा….

मैं तो भी एक माँ हूं माता, माँ ही माँ को पहचाने,
बेटे का दुःख क्या होता है और कोई यह क्या जाने,
उस का खून मे देखूं कैसे, जिसको दूध पिलाया है।- चलो बुलावा….
प्रेम से बोलो, जय माता दी
ओ सारे बोलो, जय माता दी
वैष्णो रानी, जय माता दी
अम्बे कल्याणी, जय माता दी
माँ भोली भाली, जय माता दी
माँ शेरों वाली, जय माता दी
झोली भर देती, जय माता दी
संकट हर लेती, जय माता दी
ओ जय माता दी, जय माता दी।।

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