जय वैष्णवी माता,मैया जय वैष्णवी माता। हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता॥ शीश पे छत्र विराजे,मूरतिया प्यारी। गंगा बहती चरनन,ज्योति जगे न्यारी॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,शंकर ध्यान धरे। सेवक चंवर डुलावत,नारद नृत्य करे॥ सुन्दर गुफा तुम्हारी,मन को अति भावे। बार-बार देखन को,ऐ माँ मन चावे॥ भवन पे झण्डे झूलें,घंटा ध्वनि बाजे। ऊँचा पर्वत तेरा,माता