है गिरधारी, कृष्ण मुरारी, नईया कर दो पार, खिवैया बण जावो, बण जावो, बाबा बण जावो, आज खिवैया बण जावो, संकटहारी, अर्ज गुजारी, लीलै रा असवार, खिवैया बण जावो। कईया रुस्या बैठ्या हो, बोलो जी कुछ बोलो जी। रीस करो क्यूँ टाबर पै, आँख्या तो प्रभु खोलो जी। झुर-झुर रोवै मनडै रो पंछी-2 हिवड़ै रा