जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता। जय जय तुलसी माता। सब योगों के ऊपर, सब लोगों के ऊपर, रुज से रक्षा करके भव त्राता। जय जय तुलसी माता। बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या, विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता। जय जय तुलसी माता। हरि के शीश विराजत