Tag: Tripti Shakya

घर में आओ लक्ष्मी माताVerified Lyrics 

घर में आओ लक्ष्मी माता, आओ पधारो श्री गणराजा। घर में आओ लक्ष्मी माता, आओ पधारो श्री गणराजा॥ दीवाली का त्यौहार आया, हमने घर को दीपो से सजाया। माँ मेरे घर आना भक्तो को भूल न जाना, सबके घर में चरण धर जाना॥ घर में आओ लक्ष्मी माता। आओ पधारो श्री गणराजा॥ धन की देवी

श्यामा आन बसो वृद्धावन में,Verified 

श्यामा आन बसो वृद्धावन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में, श्यामा रस्ते में भाग लगा जाना, फूल भिनु गी तेरी माला के लिए, तेरी बात निहारु कुंजन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में। श्यामा आन बसो… श्यामा रस्ते में कुआ खुद वा जाना, मैं तो नीर बरु गी तेरे लिए, मैं तो नीर

आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में

आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना सुन्दर श्याम हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में……… ◾️ आप भी आना संग राधा जी को लाना ||2|| आके दरश दिखाना हमारे हरी कीर्तन आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में आना सुन्दर श्याम हमारे हरी कीर्तन में आना श्री

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल राम राम निकले।। ◾️ मन मंदिर में ज्योत जगाउंगी, प्रभु सदा मैं तेरे गुण गाउंगी, मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले, मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल राम राम निकले, मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें, हर

प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में बाजे बधईया

प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में बाजे बधईया। जगमगा जगमग दियाला जलत है, झिलमिल होत अटरिया, अवध में बाजे बधईया॥ ◾️ कौन लुटावे हीरा मोती, कौन लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया॥ ◾️ राजा लुटावे हीरा मोती, मैया लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया॥ ◾️ झांझ मृदंग ताल डप बाजे, नाचत ता ता थैया,

आए हैं प्रभु श्री राम भरत फूले ना समाते हैं

आए हैं प्रभु श्री राम, भरत फूले ना समाते हैं। तन पुलकित मुख बोल ना आए, प्रभु पद कमल रहे हिए लाये। भूमि पड़े हैं भरत जी, उन्हें रघुनाथ उठाते हैं॥ प्रेम सहित निज हिय से लगाए, नैनो में तब जल भर आए। मिल के गले चारो भैया, ख़ुशी के आंसू बहाते हैं॥ नर नारी

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना होVerfied Lyrics 

नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो, चरन हो राघव के, जहा मेरा ठिकाना हो। लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई हो, स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो, नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो। हो त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो, लव-कुश के जैसी सन्तान हमारी हो, नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल