जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी। विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥