टेर : झालर शंख नगाड़ा बाजे रे बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे। भारत राजस्थान में है सालासर एक गांव, सूरज सामी बण्यो देवरो बालाजी जो धाम। झालर शंख नगाड़ा……. लाडू पेड़ा और मिठाई चढ़े चूरमो दाल, नित उठ बाबा के भोग लागत है पार्षदी की बहार। झालर शंख नगाड़ा……. नरेलों की
टेर : मेरी विनती सुनो हनुमान ,धरु में तेरा ध्यान ,पवन का प्यारा ,अंजना के लाल दुलारा। सिर मुकुट गले फूल माला ,श्रीलाल लंगोटे वाला ,तेरे कानो में कुण्डल, झलके चाँद उजियारा। अंजना ….. शिव शंकर के अवतारी, श्री राम के आज्ञाकारी ,हे पवन पुत्र बलवान, तेज अति भारा,अंजना …. लक्ष्मण के प्राण बचाये ,अहिरावण
टेर : सिया राम के काज सँवारे अंजना के लाल दुलारे। रावण ने हड़ी सिया माता ढूँढे राम लखन दोउ भ्राता, बन बन ढ़ूंढ़त दोउ हारे, तब आ गए पवन दुलारे।।1।। सिया माता के सुधल्याये, कपियन के प्राण बचाये, फल खाये और बाग उजाड़े, श्रीराम के पास पधारे।।2।। मूर्छित पड़े लछमन भाई, सरजीवन लाये पिलाई,
टेर : अगर तुझे भय भूत सतावे, तो बालाजी का शरणा है, पुन्यु मंगल शनिवार को, धुप धयान भी करणा है। रोग का नाश करे बालाजी पीड़ा सबकी हरते है, जो कोई पूजा पाठ करे तो आनंद मंगल करते है, मंगल करे अमंगल टारे महावीर बल कर्णा है। बालाजी बलवान है भाई बज्र अंग के
दोहा : वर दीजो हनुमान अब ,किरपा करो हे नाथ ,राम राम रटता रहू, हो भक्तो का साथ। टेर : हमें राम का दर्श करादो जी, हे अंजलि का लाल। था तुलसीदास दास बड़ा भागी, जाके राम लखन हिये लागी ,तेरी कृपा से किस्मत जागी जी
दोहा : शरण शरण मैं आपकी, महावीर हनुमान, शरण पड़े को आन उबारों, पवन पुत्र बलवान। टेर : ओ महावीर बजरंगी, मैं आया शरण तिहारी। शरण तिहारी मैं आया हूँ, संग में संकट लाया हूँ, अनजाने में फिरा भटकता, पहले बहुत दुःख पाया हूँ, अब संकट हर ले मेरा, ओ संकट मेटन हारी । ओ
जय जय कपि नायक जन, सुखदायक महावीर बलवाना, जय संकट मोचन भव भय मोचन, मंगल भवन सुजाना ।।1।। जय जय दुःख हारक जन उपकारक, परमानन्द निधाना, जय जय अविनाशी आनंद राशि, पवन तनय हनुमाना ।।2।। जय परम कृपाला नयन विशाला, सुर नर मुनि हितकारी, जय सब गुण सागर दीन-दयाकर, पापन के अघहारी ।।3।। जय अधत
किसी भी उत्सव, कार्य, कीर्तन, जागरण की शुरुवात करने से पहले गणेश भगवान को मनाया जाता है। आज हम लेकर आये है गणेश जी बहुत ही प्यारी वंदना जिसके गायन से गणेश भगवान निश्चित रूप से आपके कार्य/कीर्तन को सफल करेंगे और रिद्धि सिद्धि के भण्डार भरेंगे। ॐ गणपते: नम: दोहा : गजानंद आनंद करो,
हे बिगड़ी बनाने वाले, मेरी बिगड़ी बनाने वाले-2 ओ दुनिया के रखवाले, बाबा दुनिया के रखवाले थारी जय जय कार है। अंजनी कुमार थारी महिमा अपार है -२ हे बिगड़ी बनाने वाले, बाबा बिगड़ी बनाने वाले-2 थारी जय जय कार है। अंजनी कुमार थारी महिमा अपार है -२ शिव शंकर के अवतारी बाबा-२ पवन सूत