दोहा : माया सगी न मन सगा सगा न ये संसार, परस राम या जीव का सगा वो सिरजन हार। टेर : भजमन राम चरण सुखदाई। जिन चरणन से निकली सुर सूरी शंकर जटा समाई जटा शंकरी नाम धरयो है त्रिभुवन तारन आई। भजमन…. जिन चरन की चरनन पादुका भरत रहे मन लाई सोई चरण
टेर : सीताराम सीताराम सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये। मुख में नाम राम सेवा हाथ में, कैसे तूं अकेला प्राणी राम तेरे साथ में, विधि का विधान जान लाभ हानि सहिये। जाहि ….. जिंदगी की डोर छोड़ राम जी में, महलों में राखों चाहे झोपड़ी में बास दे, धन्यवाद निर्विवाद राम
टेर : सालासर वाला हरियो विघन सब दूर। सालासर तेरा भवन बिराजे झालर शंख नगाड़ा बाजे, नित उठ थारे नोपत बाजे तन पर चढ़त घृत सिंदूर। सालासर वाला…. तुम हनुमंता हो रण मंडल मोटे मोटे पांव बड़े भुज दंडल, दुष्टों को मार के कर दिया खंडन कर दिया चकना चूर। सालासर वाला…. रामचंद्र के सारे
टेर : ल्यादे ल्यादे रे अंजनी माई का लाल, लछमन खातर सरजीवन जड़ी। द्रोणाचल पर वेद बताई सरजीवन की बेल और किसी की ताकत कोणी थारो होसी खेल भाई लछमन का बिगड़ गया हाल म्हारे सिरपे संकट की घड़ी। ल्यादे ल्यादे रे…… पहले वन में नारी खोई फिर खो दीन्हा भ्रात क्या कृ में हनुमंत
टेर : मेरा जीवन धन हनुमान शरणों थारो लियो। मैं टाबर हूँ अनजान शरणों थारो लियो।। आफत मेरी टाळ्या सरसी तेरे बिन कुण पीड़ा हरसी, दुविधा में हे ज्यान शरणों थारो लियो। मेरा जीवन धन…… तेरे बल का पार नहीं है तुझ बिन कोई आधार नहीं है, मान मान शरणों थारो लियो। मेरा जीवन धन……
दोहा : शरण में आया आपकी महावीर बलदाई, माँ अंजना के कँवर लाड़ले नित उठ लाड़ लड़ाई। टेर : श्री बालाजी ने लाड़ लड़ावे माता अंजना, न्हाय धोय कस्यो लाल लगोटों, रामजी का पाठ पढ़ावे माता अंजना। श्री बालाजी ने…… सवा सवा मण का रोट चूरकर, श्री बालाजी के भोग लगावे माता अंजना। श्री बालाजी
दोहा : सियाराम को सेवक प्यारो अंजनी को लाल निरालो पावों में घुंघरू भंध के नाचे ऐसो बजरंग बालो। टेर : अंजनी को लाल निरालो रे अंजनी को। घुंघरू बांध बाबो छम छम नाचे छम छम नाचे बाबा। छम छम नाचे नाचे और नाचवे रे। अंजनी को…… नाचत नाचत भयो मतवालों, भयो मतवालों बाबो। भयो
दोहा : अन्नक्षेत्र श्री राम मंदिर हनुमान चौक दरबार, कार्ज सारे सिया राम के करदे बेडा पार। टेर : वीर हनुमाना अति बलवाना सियाराम के काज किया। केसरी नंदन सब दुःख भंजन जाने दुनिया सारी हो, माँ अंजना के कँवर लादले शंकर के अवतारी हो पवन तनय बल पवन समाना ……….. सियाराम के काज सीता
दोहा : शरण -शरण में आपकी महावीर हनुमान मेरा बेड़ा पार करो मैं रटु सुबह और श्याम। टेर : पार करो मेरा बेड़ा बाबा पार करो मेरा बेड़ा। गहरी गहरी नदियां नाव पुराणी दया करो हे अन्तर्यामी, सबको आसरा तेरा बाबा पार करो मेरा बेड़ा।।1।। मैं निर्गुनिया गुण नहीं कोई बाबा जगा दे किस्मत सोई,
दोहा : सारे मार्ग बंद हुए न रहा कोई जोर चरण शरण में आन पड़ा अब तेरे हाथ में डोर। टेर : चरणों में तेरे अरदास बालाजी पूरी करो भक्तो की आस बालाजी बाल ब्रह्मचारी राम जी के प्यारे हो, अंजनी के लाल पवन के दुलारे हो, केसरी कुमार, रामदास बालाजी पूरी करो भक्तो की….