एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे, आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे। होठो पे मुस्कान है छाले पाब में, आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे॥ कभी अल्लाह अल्लाह बोले, कभी राम नाम गुण गाये। कोई कहे संत लगता है, कोई पीर फ़क़ीर बताये। कभी अल्लाह अल्लाह बोले, अल्लाह…, अल्लाह… कभी अल्लाह