रामाधणी म्हारा रामाधणी, भावना सु ध्यावे ज्यापर महर घणी, महर घणी लीला लहर घणी-२ भावना सु ध्यावे ज्यापर महर घणी॥ लखी बिन्जारो जद बालद लायो-२ अपनी करनी रो लखी फल एसो पायो, लून पलट पाची मिसरी करी-२ भावना सु ध्यावे ज्यापर महर घणी॥ बनीयो बोयतो जद समंदा सु चाल्यो-२ नावडी डूबन ने लागी बाबा ने