श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला, हरि नाम यही हरि धाम यही, जग में मंगल की आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये शान्तिगीत पावन पुनीत, पापों को मिटानेवाला, हरि दर्श कराने वाला, जे